राम जन्मभूमि से सटी मस्जिद के मुतवल्ली ने मंदिर ट्रस्ट के साथ मस्जिद बिक्री का किया समझौता

अंजुमन मुहाफिज मसाजिद वा मकाबिर' के अध्यक्ष आजम कादरी ने कहा, '' मस्जिद बद्र मोहम्मद रईस के मुतवल्ली ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ तीस लाख रुपये में बिक्री का समझौता किया है और 15 लाख रुपये अग्रिम ले लिए हैं.”

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
अयोध्या:

राम जन्मभूमि से सटी एक मस्जिद के मुतवल्ली (प्रभारी) ने यहां मंदिर ट्रस्ट के साथ इस मस्जिद की बिक्री का समझौता किया है. स्थानीय मुस्लिमों ने मुतवल्ली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और समझौते को रद्द करने की मांग की है. मुख्य शिकायतकर्ता एवं अयोध्या में वक्फ संपत्ति को बचाने के लिए गठित एक स्थानीय समिति 'अंजुमन मुहाफिज मसाजिद वा मकाबिर' के अध्यक्ष आजम कादरी ने कहा, '' मस्जिद बद्र मोहम्मद रईस के मुतवल्ली ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ तीस लाख रुपये में बिक्री का समझौता किया है और 15 लाख रुपये अग्रिम ले लिए हैं.”

कादरी ने बताया कि समझौता एक सितंबर को हुआ था, लेकिन स्थानीय मुस्लिम समूहों को इसके बारे में हाल ही में पता चला. उन्होंने बताया कि 'मस्जिद बद्र अयोध्या के मोहल्ला पांजी टोला में स्थित है, जिसका उपयोग स्थानीय लोग रोजाना नमाज पढ़ने के लिए करते हैं. मस्जिद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, वक्फ संख्या 1213 के साथ विधिवत पंजीकृत है और सरकारी गजट और अन्य दस्तावेजों में भी मस्जिद के रूप में इसका उल्लेख किया गया है.''

बृहस्पतिवार दोपहर कादरी के नेतृत्व में अयोध्या के मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या के जिला अधिकारी से मुलाकात की और मस्जिद के मुतवल्ली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनके और मंदिर ट्रस्ट के बीच किए गए 'बिक्री समझौते' को रद्द करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा. अयोध्या के जिला अधिकारी नीतीश कुमार ने बताया, ''मस्जिद बद्र' की बिक्री के संबंध में आवेदन मेरे कार्यालय को प्राप्त हुआ है और अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रवर्तन) अमित सिंह को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है.'

Advertisement

राम जन्मभूमि पुलिस थाने के प्रभारी एम पी शुक्ला ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ अधिवक्ता आफताब अहमद ने बताया, 'केंद्रीय वक्फ अधिनियमों और उच्चतम न्यायालय द्वारा अलग-अलग समय पर दिए गए विभिन्न फैसलों के अनुसार, किसी को भी वक्फ संपत्तियों को बेचने, स्थानांतरित करने या उपहार में देने का अधिकार नहीं है.' उन्होंने कहा कि अयोध्या की 'मस्जिद बद्र' को बेचने या 'विक्रय का समझौता' करने में शामिल लोगों ने अपराध किया है और उनके कृत्य कानून के खिलाफ हैं.'' इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधियों से संपर्क नहीं हो सका.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Chhath Puja 2024: बिहार में छठ की कैसी हैं तैयारियां? NDTV ने लिया जायजा | Special Report
Topics mentioned in this article