प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एवं कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए 14 मई को तलब किया है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. संघीय एजेंसी ने पिछले सप्ताह आलम के निजी सचिव संजीव लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) को उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने बताया कि 70 वर्षीय आलम को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
सितंबर 2020 का धन शोधन मामला राज्य ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज मामले और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है.ईडी ने राम को पिछले साल गिरफ्तार किया था.
ईडी ने दावा किया है कि राम निविदा आवंटन समेत अन्य संबंधित कार्यों के लिए ‘‘कमीशन इकट्ठा'' करते थे और 1.5 प्रतिशत का यह कमीशन उनके वरिष्ठों और राजनेताओं के बीच ‘‘वितरित'' किया जाता था. ईडी ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि राम ने सितंबर 2022 में लाल को ‘कमीशन' की रकम सौंपी थी.
मेरी छवि कैसी है जनता जानती है: आलमगीर आलम
पूरे मामले में कांग्रेस विधायक और राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि मेरी छवि कैसी है, जनता जान रही है. मुझे कुछ नेता बदनाम कर रहे हैं. ईडी जांच कर रही है, जो भी परिणाम आएगा, बताएंगे. मैं विभाग का मंत्री हूं, इस नाते निश्चित तौर पर ईडी पूछताछ कर सकती है. मैं इस पर कुछ कहना नहीं चाहूंगा. मैं सिर्फ कहना चाहता हूं कि यूट्यूब चैनलों में कुछ नेताओं का बयान आ रहा है.
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