दूसरे दिन फिर चाचा से मिलने पहुंचे अजित पवार, इस बार भी NCP अध्यक्ष शरद पवार रहे 'मौन'

शरद पवार से मुलाकात के बाद बागी नेताओं ने कहा था कि उन्होंने वरिष्ठ नेता से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि पार्टी विभाजित न हो.

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अजित पवार चार साल में तीसरी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए हैं.
मुंबई:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ( Ajit Pawar)ने रविवार को कई समर्थक विधायकों के साथ अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar)से मुलाकात की. अजित पवार सोमवार को फिर शरद पवार से मिलने पहुंचे. बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार (BJP-Eknath Shinde Government) में शामिल होने के लिए अजित पवार के साथ बगावत करने वाले प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि रविवार होने के कारण कई कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं थे. इसलिए सोमवार को दोबारा मुलाकात हुई है. पटेल ने कहा, "शरद पवार ने धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी. हालांकि, खुद कुछ नहीं कहा."

सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार खेमे ने विधायकों के माध्यम से एक प्रस्ताव पारित करने के लिए दिल्ली में अपनी कानूनी टीम से सलाह ली है. पार्टी की तरफ से कानूनी राय विपक्षी खेमे में बने रहने के लिए मांगी गई थी. हालांकि, एनसीपी की एक के बाद हुई बैठकों को लेकर कानूनी टीम भी भ्रमित है. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार खेमे के विधायकों को सोमवार को विपक्ष में रहने का प्रस्ताव पारित करना था. उस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजना था. हालांकि, अभी तक ऐसा हुआ नहीं है. वहीं, प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार मंगलवार को नई दिल्ली में होने वाली एनडीए की बड़ी बैठक में शामिल होंगे.

रविवार को शरद पवार से मुलाकात के बाद बागी नेताओं ने कहा था कि उन्होंने वरिष्ठ नेता से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि पार्टी विभाजित न हो. प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ''शरद पवार ने हमें कोई जवाब नहीं दिया. वह बस वही सुनते रहे जो हम कह रहे थे. उनसे मिलने के बाद हम वापस आ गए.''

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प्रफुल्ल पटेल बोले- अपने गुरु का लिया आशीर्वाद
उन्होंने कहा, "हम बिना कोई समय मांगे यहां आए. शरद पवार यहां एक बैठक के लिए पहुंचे हैं. इसीलिए हम सभी ने उनका आशीर्वाद लिया." रिपोर्टों के अनुसार, शरद पवार ने बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और स्पष्ट किया कि वह अपनी "प्रगतिशील राजनीति" जारी रखेंगे और कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

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शुक्रवार को एनसीपी के बागी विधायकों को मिले विभाग
इससे पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हुए एनसीपी के 9 मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया. डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त और योजना विभाग का मंत्री बनाया गया है. छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सौंपा गया. अजित पवार सहित एनसीपी के 9 विधायकों को जो विभाग दिए गए हैं, वो पहले बीजेपी के 6 और शिवसेना (शिंदे गुट) के 4 विधायकों के पास थे. जिनसे ये विभाग वापस लिए गए हैं.

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विपक्षी एकता के प्रमुख नेता रहे हैं शरद पवार
82 वर्षीय शरद पवार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ विभिन्न दलों को एकजुट करने की कोशिश में अग्रणी खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने पटना में हुए विपक्षी एकता की बैठक में भागीदारी भी निभाई थी. हालांकि, एनसीपी में टूट के बाद विपक्षी एकता के समीकरण कुछ बदल गए हैं.

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