महाराष्ट्र के अकोला जिले में आठ महीने की एक बच्ची को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने के बाद राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घटना की जांच के आदेश दिए. जन स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
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उन्होंने जालना में संवाददाताओं से कहा, “मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं. हम दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे. इस लापरवाही से बच्ची की जान खतरे में है इसलिए इसके जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा.” बच्ची के परिजनों के अनुसार, उसे स्थानीय डॉक्टर के निर्देश पर अकोला के ब्लड बैंक से रक्त लाकर दिया गया था क्योंकि उसके खून में श्वेत रक्त कणिकाओं की कमी हो गई थी.
रक्त दिए जाने के बाद वह ठीक होने लगी थी लेकिन उसके बाद बार-बार बीमार पड़ने लगी. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “उसे पिछले महीने अमरावती ले जाया गया जहां वह बीमार रहने लगी. किसी और बीमारी का पता नहीं चल रहा था इसलिए एचआईवी जांच कराई गई जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई.”
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उन्होंने कहा, “उसके माता पिता की जांच में एचआईवी की पुष्टि नहीं हुई. इसके बाद डॉक्टरों को पता चला कि उसे अकोला में रक्त दिया गया था.” अधिकारी ने कहा, “हर ब्लड बैंक को दान किये गए रक्त की एचआईवी समेत कई जांच करनी पड़ती है. हमें इसका पता लगाना होगा कि रक्त में एचआईवी संक्रमण का पता क्यों नहीं चला.”