मौतों के लिए निजी अस्पतालों में लंबे वीकएंड को महाराष्ट्र सरकार ठहराएगी जिम्मेदार : सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार आज अदालत को बता सकती है कि नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास के निजी अस्पतालों में लगातार छुट्टियों के कारण कम कर्मचारी थे. 

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूरी घटना पर एकनाथ शिंदे सरकार से विस्तृत प्रतिक्रिया मांगी थी.
मुंबई:

नांदेड़ के एक अस्पताल में 72 घंटों में 31 मौतों पर भारी आलोचनाओं का सामना कर रही महाराष्ट्र सरकार उस क्षेत्र की निजी स्वास्थ्य इकाइयों पर दोष मढ़ने की तैयारी में है, जो एक्सटेंडेड वीकएंड के लिए बंद थीं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया.

सरकारी अस्पताल में हुए 31 मौंतों पर ध्यान देते हुए, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूरी घटना पर एकनाथ शिंदे सरकार से विस्तृत प्रतिक्रिया मांगी थी. इसने यह भी कहा था कि स्वास्थ्य देखभाल इकाइयों में दवाओं, बिस्तरों और कर्मचारियों की कमी अस्वीकार्य है.

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार आज अदालत को बता सकती है कि नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास के निजी अस्पतालों में लगातार छुट्टियों के कारण कम कर्मचारी थे. 

राज्य सरकार कोर्ट को ये बताने के लिए तैयार है कि निजी अस्पतालों ने गंभीर मामलों, जिनमें से कई नवजात शिशु थे, को सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया और इससे नांदेड़ अस्पताल में मृत्यु संख्या बढ़ गई. सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार अपने हलफनामे में ये कह सकती है कि नांदेड़ अस्पताल में कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत के लिए निजी स्वास्थ्य इकाइयां जिम्मेदार हैं. 

राज्य सरकार अदालत में कैसे प्रतिक्रिया देने की योजना बना रही है, इस पर मीडिया से बात करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मशरिफ ने कहा, "जिन नवजात शिशुओं की मौत हुई उनमें से दस को निजी अस्पतालों से (सरकारी अस्पताल में) लाया गया था. और वे बहुत गंभीर स्थिति में थे. जब उन्हें लाया गया तो उनकी हालत गंभीर थी."

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक समिति बनाई है और प्रत्येक मौत का ऑडिट कराया है. उन्होंने कहा, ''हम इन सभी मामलों को अदालत के समक्ष रखेंगे.'' एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा है कि नांदेड़ अस्पताल में दवाओं या डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. 

Advertisement

हालांकि, ग्राउंड रिपोर्ट ने एक अलग तस्वीर दिखाई है. एनडीटीवी ने पाया कि अस्पताल परिसर में सूअर घूम रहे हैं और नालियां प्लास्टिक की बोतलों से बंद हैं. अस्पताल में मरने वाले मरीजों के रिश्तेदारों ने कहा कि उन्हें बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं और कोई भी वरिष्ठ डॉक्टर मरीजों को नहीं देख रहा है. 

यह भी पढ़ें -
-- "सरगना अभी भी बाहर है": संजय सिंह की गिरफ्तारी पर BJP नेता अनुराग ठाकुर का तंज
-- AAP को दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी बनाने के लिए कानूनी सलाह ले रहा है ED - सूत्र

Advertisement
Featured Video Of The Day
US Elections 2024: राष्ट्रपति पद के लिए कल वोटिंग, Kamala Harris और Donald Trump किसकी होगी जीत?
Topics mentioned in this article