मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चयनित शिक्षिकाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी तो नहीं बांध पाईं, देर रात उन्हें डरा धमका कर ज़रूर भगा दिया गया. सरकार की तरफ से अबतक इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं आई है. बुधवार को ही रोजगार मांगने वाले युवाओं की पिटाई हुई, कई लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया.
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक चयनित शिक्षिक ने कहा कि मामाजी रैली में व्यस्त हैं, वहां कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो रहा है, जबर्दस्ती हमारा फोटो ले रहे हैं, चेहरा पकड़-पकड़ कर एफआईआर की धमकी दे रहे हैं. वहीं, भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने कहा कि मामला न्यायालय में है उसका सम्मान करना होगा. अगर आप सरकारी नौकरी के लिये प्रयास कर रहे हैं, तो इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है.
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भोपाल में ही लगभग 3 सालों से चयनित होने के बाद भी नियुक्ति की राह देख रहे चयनित शिक्षकाएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने पहुंचे थीं. हाथों में राखी की थाल और बैनर पोस्टर लेकर सारे चयनित शिक्षक बीजेपी कार्यालय के सामने इकठ्ठा हुए, जिन्हें पुलिस ने रोक दिया. 7 सालों के लंबे इंतजार के बाद 2018 में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. 2019 में चयन हो गया लेकिन नियुक्ति होती, उससे पहले कमलनाथ सरकार गिर गई और इन शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया.