मंत्री अजय मिश्रा इस्‍तीफा नहीं देंगे : बेटे पर कार से कुचलने के लगे आरोपों को लेकर सरकारी सूत्र

सूत्रों ने कहा, मिश्रा (अजय मिश्रा) ने एक बार नहीं बल्कि दो बार यह स्‍पष्‍ट किया है कि न तो वे और न ही उनका बेटा हिंसा वाले स्‍थान पर मौजूद था. 

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केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा ने बुधवार को वरिष्‍ठ मंत्री अमित शाह से मुलाकात की
नई दिल्‍ली:

उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के मामले में बेटे पर एफआईआर के बाद  विपक्ष के निशाने पर आए केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा ने बुधवार को वरिष्‍ठ मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.  गौरतलब है कि बेटे आशीष मिश्रा पर आरोपों को लेकर विपक्ष की ओर से अजय मिश्रा को हटाए जाने की मांग की जा रही है, हालांकि सरकार के शीर्ष सूत्रों ने उनके इस्‍तीफे की किसी भी संभावना से इनकार किया है. सूत्रों ने कहा, मिश्रा (अजय मिश्रा) ने एक बार नहीं बल्कि दो बार यह स्‍पष्‍ट किया है कि न तो वे और न ही उनका बेटा हिंसा वाले स्‍थान पर मौजूद था. 

NDTV से बात करते हुए अजय मिश्रा ने इस बात से इनकार किया था कि उन पर इस्‍तीफे का दबाव है. उन्‍होंने कहा था, 'हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं है. हम इसकी जांच करेंगे और जो शामिल हैं, जिन्‍होंने इसकी साजिश रची, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.' लखीमपुर खीरी में रविवार की हिंसा में चार किसानों सहित  आठ लोगों की मौत हो गई थी. कथित तौर पर मंत्री के काफिले की एक कार प्रदर्शनकारियों पर चढ़ गई थी. किसानों का आरोप है कि यह कार मंत्रीजी का बेटा चला रहा था. मंत्री अजय मिश्रा ने यह स्‍वीकार किया है कि कार उनकी है लेकिन उन्‍होंने यह भी कहा कि उनका बेटा इसमें नहीं था. 

मिश्रा ने NDTV के साथ बातचीत में कहा, 'पहले दिन से ही हम इस बारे में स्‍पष्‍ट है कि वह Thar (वाहन) हमारी है, यह हमारे नाम पर दर्ज है. यह वाहन, कुछ कार्यकर्ताओं को लेकर किसी को  लेने के लिए जा रहा था. मेरा बेटा दूसरी जगह पर था. सुबह 11 बजे से शाम तक, वह एक अन्‍य इवेंट को आयोजित कर रहा था. मेरा बेटा (आशीष मिश्रा) वहां मौजूद था, वहां हजारों की संख्‍या में लोग थे. इसके फोटो और वीडियो भी हैं. यदि आप उसका कॉल रिकॉर्ड और CDR, लोकेशन जानना चाहते हैं....तो सब चेक कर सकते हैं. हजारों लोग यह हलफनामा देने को तैयार है कि आशीष मिश्रा वहां(दूसरे आयोजन में) था. '

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उन्‍होंने कहा, 'जहां तक वाहन की बात है तो मेरा ड्राइवर मारा गया, दो कार्यकर्ता भी मारे गए जबकि एक कार्यकर्ता बच गया. तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं, इसके बाद कार वहीं रुक गई थी. बाद में कार को धक्‍का दिया  गया और इस वाहन और एक अन्‍य फार्च्‍यूनर को आग के हवाले कर दिया गया. यह लोग किसान नहीं हो सकते. ये किसानों के बीच छुपे हुए चरमपंथी हैं. 'किसानों को चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर अजय मिश्रा ने कहा, 'मेरी टिप्‍पणी को गलत समझा गया.' मिश्रा ने कहा था-मेरा सामना करो,आपको ठीक करने में मुझे केवल दो मिनट लगेंगे. उन्‍होंने कहा, 'यदि आप पूरे भाषण को देखें तो यह किसानों के सामने दिया गया था. 25  सितंबर को गुरुद्वारे के सामने मैंने यह भाषण किसानों के समक्ष दिया था. इसमें मैंने रात में पोस्‍टर फाड़ने वालों के बारे में बात की थी. यह कहा गया था कि ये लोग, किसान नहीं हो सकते. जिन्‍होंने एक किसान सम्‍मेलन के पहले  भारत माता, पीएम और हमारे होर्डिंग फाड़े थे. ये उपद्रवी और हिंसक है और इन हिंसक लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मैंने यह कहा था कि अच्‍छा है आप सुधर जाओ, वरना  प्रशासन अपने कानूनों से तुम्‍हें ठीक कर देगा.'

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