लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: आशीष मिश्रा को फिलहाल राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई टली

3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के इशारे पर प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है. इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई टल गई है.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अब 19 जनवरी को सुनवाई होगी. पीड़ित के वकील की सुनवाई टालने की गुहार सुप्रीम कोर्ट ने मान ली. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की. इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत रद्द होने के फैसले को आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. 

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि वो बताएं कि क्या दूसरी FIR में आरोपी अभी भी जेल में है? जस्टिस सूर्यकांत ने प्रशांत भूषण की डे-टू-डे हियरिंग पर कहा कि हमारे मन में कुछ है, बड़ा मुद्दा शामिल है. कोई भी समयरेखा निर्धारण अभियोजन पक्ष के मामले को प्रभावित करेगा.

पीड़ितों की ओर से प्रशांत भूषण ने सुनवाई कल के लिए, या अगले हफ्ते के लिए टालने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि सीनियर वकील दुष्यंत दवे की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए सुनवाई टाल दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या दूसरी FIR में भी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. लखीमपुर खीरी मामला में ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केस के ट्रायल को पूरा होने में कम से कम पांच साल लगेंगे. 200 गवाह हैं, 27 सीएफएसएल रिपोर्ट है.

प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ गवाहों पर हमला हुआ है. कुछ को धमकी दी गई है. लगातार डे-टू-डे हियरिंग की जा सकती है. सामग्री गवाहों की गवाही हो सकती है वह MoS (होम) के बेटे हैं, ऐसे में ट्रायल रोजाना होना चाहिए. गवाहों पर बेरहमी से हमला किया गया है. उन्होंने बयान देकर सबक सिखाने की बात कही थी. पीड़ित पक्ष के वकील प्रशांत भूषण ने यूपी सरकार पर आरोपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निचली अदालत से पूछा था कि लखीमपुर मामले में ट्रायल पूरा होने में कितना टाइम लगेगा.

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सुनवाई में आशीष मिश्रा की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आशीष मिश्रा की आरोप मुक्त करने की अर्जी निचली अदालत ने खारिज कर दी है. उन पर आरोप तय कर दिए गए हैं, वो घटना के समय कार में नहीं था, फिर भी एक साल से ज्यादा समय से जेल में है. पहले हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर फिर से मामले को हाईकोर्ट भेज दिया था.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले इस मामले में निचली अदालत में आरोप तय हो जाने दिया जाए, उसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. 6 दिसंबर 2022 को लखीमपुर की एडीजे  कोर्ट ने आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिए हैं.

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यूपी के लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था. घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा भड़कने के बाद इस पूरे घटनाक्रम में 8 लोगों की जान गई थी.

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