लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की समय देने काअनुरोध मानलिया. मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी. CJI एनवी रमना , जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है . शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई तो यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा, सोमवार या मंगलवार का समय दीजिए. हम कुछ बातों पर काम कर रहे हैं. यूपी सरकार ने कहा कि वो हम किसी चीज पर काम कर रहे है. ये लगभग पूरा हो चुका है. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी से रिटायर जज को निगरानी के लिए सुझाव मांगा था.
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गौरतलब है किपिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने यूपी सरकार की जांच को लेकर गंभीर सवाल खड़़े किए थे. SC की बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ कहा था कि 'हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि एक विशेष आरोपी को 2 एफआईआर को ओवरलैप करके लाभ दिया जा रहा है.' जस्टिस सूर्यकांत ने कहा 'अब कहा जा रहा है कि दो FIR हैं. एक FIR में जुटाए गए सबूत दूसरे में इस्तेमाल किए जाएंगे एक आरोपी को बचाने के लिए, दूसरी FIR में एक तरह से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं.'CJI ने कहा, दोनों FIR की अलग- अलग जांच हो.
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जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि एक किसानों की हत्या का मामला है तो दूसरा पत्रकार व राजनीतिक कार्यकर्ता का.गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं जो मुख्य आरोपी के पक्ष में लगते हैं. हरीश साल्वे ने कहा था कि अगर कोई आगे आता है और कहता है कि उसका बयान दर्ज किया जाए तो हमें वह करना होगा. जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर कहा था, 'यह अलग बात है और यह अलग बात है जब आप कुछ लोगों की पहचान करने का प्रयास करें और फिर बयान दर्ज करें.'सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम किसी दूसरे हाईकोर्ट के रिटायर जज को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त करेंगे. दोनों FIR की अलग- अलग जांच हो.अलग-अलग जांच हो. अलग- अलग ही चार्जशीट दाखिल हो.