- अमित शाह ने कहा कि जेल में रहने वाले CM या PM को पद नहीं बनाए रखना चाहिए क्योंकि यह नैतिकता का मामला है.
- संसद में नया बिल पेश आया है, जिसमें 30 दिन की हिरासत या गिरफ्तारी पर मंत्री, CM, PM को पद से हटाया जाएगा.
- अमित शाह ने कहा कि संविधान में पहले ऐसा प्रावधान नहीं था क्योंकि पहले जेल जाने वाले नेता इस्तीफा दे देते थे.
Amit Shah Attack on Arvind Kejriwal: 30 दिन की हिरासत या गिरफ्तारी पर मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को पद से हटा दिया जाएगा. बीते दिनों केंद्र सरकार ने इस नए बिल को पेश किया है. इस बिल के पेश होते ही संसद में विपक्षी सांसदों ने खूब विरोध भी किया. अब शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस नए बिल की जरूरत क्यों पड़ी? इसके बारे में बताया. दरअसल केरल के दौरे पर गए अमित सिंह से एक इंटरव्यू में इस बिल के बारे में पूछा गया था. जिसपर उन्होंने कहा कि इस मामले पर और कुछ कहने की जरूरत नहीं है. यह नैतिकता का सवाल है.
अमित शाह बोले- मैंने इस बारे में देश की जनता से पूछा है...
अमित शाह ने इस बिल के बारे में कहा, "मैंने देश की संसद में देश की जनता को पूछा है कि क्या देश की जनता चाहती है कि कोई भी मुख्यमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाएं. क्या देश की जनता चाहती है कि कोई भी प्रधानमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए. ये किस प्रकार की चर्चा हो रही है. मेरी समझ में नहीं आता. ये नैतिकता का सवाल है."
केजरीवाल जेल से सरकार चला रहे थे...
अमित शाह ने आगे कहा कि अब कह रहे हैं कि संविधान में पहले क्यों नहीं चर्चा हुआ. भाई संविधान बना तब ऐसे लोगों की कल्पना ही नहीं की गई थी कि जो जेल में जाने के बावजूद इस्तीफा नहीं देंगे. 75 साल में कई सारे मुख्यमंत्री, मंत्री जेल में गए. लेकिन जेल जाने से पहले उन्होंने इस्तीफा दिया. लेकिन दिल्ली में एक घटना हुई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में जाने के बाद जेल से सरकार चला रहे थे. तो संविधान बदलना चाहिए कि नहीं बदलना चाहिए.
लोकतंत्र में नैतिकता का स्तर बनाए रखने की जिम्मेदारी सबकीः अमित शाह
अमित शाह ने आगे कहा कि अब तक बीजेपी की भी सरकार रही. लेकिन हमने नहीं बदला. अगर केजरीवाल जी इस्तीफा दे देते तो हम आज भी नहीं बदलते. मैं यह मानता हूं कि लोकतंत्र में नैतिकता का स्तर बनाए रखने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की है.
अमित शाह ने केजरीवाल पर साधा निशाना
मालूम हो कि दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चला रहे थे. हालांकि जेल से निकलने के बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था. जिसके बाद आतिशी दिल्ली की नई सीएम बनी थी. इसके बाद दिल्ली की विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना पड़ा था.
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