प्रधानमंत्री राहत पैकेज के तहत रोजगार पाने वाले कश्मीरी पंडितों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 24 घंटे के अंदर उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं भेजा गया तो वे सामूहिक रूप से पलायन करेंगे. उन्होंने कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा महिला शिक्षक की हत्या किये जाने के बाद विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और यह चेतावनी दी.
एक प्रदर्शनकारी ने यहां कहा, ''हमने तय किया है कि अगर सरकार ने 24 घंटे के भीतर हमारे (सुरक्षा) के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो फिर से बड़े पैमाने पर पलायन होगा.''
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर हत्या करने का सिलसिला जारी है और समुदाय सरकार से अपील करते-करते थक गया है.
उन्होंने कहा, ''हमें स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि हमें बचाया जा सके. हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले उपराज्यपाल से मिला था और हमने उनसे हमें बचाने के लिए कहा था. हम घाटी में स्थिति सामान्य होने तक दो से तीन साल के लिए अस्थायी पुनर्वास की मांग कर रहे हैं. कश्मीर के आईजीपी ने घाटी को आतंकवाद मुक्त बनाने लिये यही समयसीमा रखी है.''
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीरी पंडित समुदाय के कुछ कर्मचारी हत्या के विरोध में यहां लाल चौक के घंटा घर पर जमा हुए. कर्मचारियों का एक अन्य समूह शहर के सोनावर क्षेत्र के बटवाड़ा में इकट्ठा हुआ और हिंदू समुदायों के कर्मचारियों के लिए पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
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