जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने सोमवार को शेखपोरा प्रवासी शिविर का दौरा किया, जहां प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandits) कर्मचारी इस महीने की शुरुआत में एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट की हत्या का विरोध कर रहे थे. मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडितों के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी शिकायतों को देखेंगे.
हालांकि, प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने काम में शामिल होने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक उन्हें जम्मू में सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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मनोज सिन्हा ने कहा, "यह प्रशासन अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे इरादे को देखने की जरूरत है. किसी भी तरह की भावना रखने की कोई जरूरत नहीं है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी समस्याओं को ईमानदारी और विवेकपूर्ण तरीके से संबोधित किया जाएगा."
गौरतलब है कि राहुल भट की 12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी थी. तब से 4 हजार से अधिक कश्मीरी पंडित कर्मचारी उन्हें सुरक्षा देने में प्रशासन की "विफलता" को लेकर घाटी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री के विशेष रोजगार पैकेज के तहत घाटी में लौटे पंडित कर्मचारियों का कहना है कि वे अब कश्मीर में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, खासकर राहुल भट्ट की हत्या के बाद खतरा काफी बढ़ गया है.
जम्मू-कश्मीरः मनोज सिन्हा ने कहा- प्रत्येक नागरिक को घाटी और राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए