लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में कांग्रेस (Congress) INDIA अलायंस की बाकी पार्टियों से अलग-अलग राज्यों में सीटों को लेकर समझौते में लगी है. पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ और यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ सीट बंटवारों को लेकर समझौता पक्का कर लिया है. महाराष्ट्र और बिहार में बातचीत चल रही है. लेकिन कांग्रेस को अपनी सरकार वाले राज्य कर्नाटक (Karnataka) में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं.
कर्नाटक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि राज्य के कई मंत्री पहले ही चुनाव लड़ने के अनुरोध को ठुकरा चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में कोई भी मंत्री पद छोड़कर अनिश्चितता में गोता लगाने का इच्छुक नहीं है.
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2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने राज्य में जीती 25 सीटें
2019 के आम चुनाव में कर्नाटक में बीजेपी ने 25 सीटें जीती थी. कांग्रेस ने यहां एक ही सीट मिली. एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर (JDS) के खाते में एक सीट गई. JDS अब बीजेपी के साथ हो गए हैं. एक सीट बीजेपी समर्थित निर्दलीय के खाते में गई थी.
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शानदार जीत
2023 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिले अच्छे रिस्पॉन्स से कांग्रेस इस बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव में किस्मत बदलने की उम्मीद कर रही है. लेकिन पार्टी के नेता साथ नहीं देना चाहते हैं.
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इन नेताओं को चुनाव लड़वाना चाहती है कांग्रेस
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि सिद्धारमैया सरकार के मंत्री राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से कुछ पर चुनाव लड़ें. केंद्रीय नेताओं की लिस्ट में शामिल मंत्रियों में सतीश जारकीहोली, बी नागेंद्र, कृष्णा बायरे गौड़ा, के एच मुनियप्पा, एच के पाटिल और ईश्वर खंड्रे शामिल हैं.
लक्ष्मी हेब्बालकर ने भी चुनाव लड़ने से किया इनकार
सूत्रों ने कहा कि ये नहीं लोकसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं रखते. लक्ष्मी हेब्बालकर समेत कई लोगों ने 2024 का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. सिद्धारमैया सरकार में महिला व बाल विकास मंत्री सुश्री हेब्बालकर ने कहा कि वह चाहती हैं कि उनका बेटा मृणाल हेब्बालकर चुनाव लड़े. हेब्बालकर ने कहा, "यह बेलगावी के लोगों और यहां के नेताओं की आशा है, जो मेरे नाम की सिफारिश की गई है."
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उन्होंने कहा, "मुझे मीडिया से पता चला है...जब मेरे भाई को विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए चुना गया था, तब भी जिले के सभी नेताओं ने मिलकर यह निर्णय लिया था."
समाज कल्याण मंत्री ने भी आलाकमान किया मना
दूसरी तरफ, समाज कल्याण मंत्री एससी महादेवप्पा ने बिना कोई कारण बताए चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, "मैं लोकसभा उम्मीदवार नहीं हूं. मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. कांग्रेस आलाकमान जिसे भी टिकट देगा, मैं उसकी जीत के लिए प्रयास करूंगा."
सख्त रुख अपना सकती है कांग्रेस
सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने जा रही है. राज्य पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा, "पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा, उसे सभी को स्वीकार करना होगा. यहां तक कि मुझे भी इसे स्वीकार करना होगा. हम सभी पार्टी के कारण यहां हैं. हर कोई फैसले को स्वीकार करेगा और हम अधिकांश सीटें जीतेंगे."
वहीं, राज्य के इंचार्ज और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "अभी तक सिर्फ एक मंत्री को चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है. उन्होंने इस मामले पर विचार करने के लिए आलाकमान से समय मांगा है."
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