आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार कर्नाटक में बीजेपी गुजरात मॉडल पर नहीं चलेगी. गुजरात की तरह मंत्रियों-विधायकों के बड़ी संख्या में टिकट नहीं काटे जाएंगे. दरअसल बीजेपी नेताओं के मुताबिक कर्नाटक की राजनीतिक परिस्थितियां गुजरात से काफी अलग हैं. यहां 120 से अधिक सीटें ऐसी हैं, जहां नेता अपने व्यक्तिगत प्रभाव से चुनाव जीतते हैं. टिकट काटने पर दूसरे दलों का हाथ थामने में उन्हें परहेज़ नहीं होगा.
गुजरात में ऐतिहासिक जीत के बाद कुछ नेताओं ने मांग की थी कि गुजरात की ही तरह कर्नाटक में भी बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट काटे जाएं और नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट न दिए जाएं. पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा कहे चुके हैं कि छह-सात विधायकों के टिकट कटेंगे. जबकि गुजरात और हिमाचल में बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए बड़ी संख्या में मौजूदा विधायकों के टिकट काटे थे. बीजेपी को सत्ता में वापसी के लिए पीएम मोदी के चेहरे के साथ ही अपने राज्य नेताओं की अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में व्यक्तिगत पकड़ पर भी भरोसा है.
पीएम मोदी का कर्नाटक दौरा
इसी महीने पीएम मोदी के कर्नाटक के दो और दौरे हैं. 25 मार्च को चार विजय संकल्प रैलियों के समापन पर दावनगिर में एक बड़ी रैली को पीएम संबोधित करेंगे. उससे पहले 19 या 21 मार्च को भी सरकारी कार्यक्रमों के लिए राज्य के दौरे पर जा सकते हैं. इस साल अब तक पीएम मोदी छह बार कर्नाटक जा चुके हैं.
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इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी कर्नाटक का दौरा कर सकते हैं. इनके अलावा बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा का कर्नाटक का दौरा करेंगे. बता दें कर्नाटक में मई में विधानसभा चुनाव है. बी एस येदियुरप्पा के छोटे बेटे उनकी सीट शिकारीपुरा से चुनाव लड़ सकते हैं.