'...तो BJP ऑफिस में सिक्योरिटी के लिए अग्निवीरों को रखूंगा', कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर छिड़ा बवाल

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के बयान पर सियासत गरमा गई है. कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो.

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अग्निपथ योजना पर जारी विवाद के बीच बोले कैलाश विजयवर्गीय

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना को लेकर युवाओं में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. इस योजना के खिलाफ देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी दल लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस पर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे भी बीजेपी के ऑफिस में सिक्योरिटी (गार्ड) रखना पड़े तो मैं अग्निवीर को ही प्राथमिकता दूंगा.विजयवर्गीय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए देश के लिए अग्निपथ योजना को सही बताया. उन्होंने कहा कि अमेरिका, चाइना और फ्रांस में कांट्रैक्ट बेसिस पर सेना में भर्ती होती है. हमारे यहां सेना से रिटायर होने की आयु ज्यादा है. उसे कम करने का सरकार ने फैसला लिया है.

इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के इस बयान पर सियासत गरमा गई है. कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो. हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फ़िज़िकल पास करते हैं, टेस्ट पास करते हैं, क्योंकि वो फ़ौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वो BJP के दफ़्तर के बाहर गार्ड लगना चाहते हैं.'

'युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो' : कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर केजरीवाल का पलटवार

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वहीं कांग्रेस के सांसदों और नेताओं ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नई अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह' किया. कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के लिए फायदेमंद नहीं है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती है.

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वहीं केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ' योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को 'अग्निवीरों' के लिए अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की. विपक्षी दलों द्वारा इस योजना को वापस लेने के लिए डाले जा रहे दबाव और राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र ने नई सैन्य भर्ती योजना को लेकर चिंताओं और शिकायतों पर खुले मन से विचार करने की भी पेशकश की.

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