भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत पीएसएलवी-सी 52 के जरिये धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को लॉन्च किया गया. इसके लिए रविवार सुबह 25 घंटे की उलटी गिनती शुरू हुई थी. आज सुबह दो छोटे उपग्रहों के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle) लॉन्च किया गया. ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट' (Radar Imaging Satellite) है.
ईओएस-04 को कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. EOS-04 का वजन 1,710 किलोग्राम है.
पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी लेकर गया है, जिसमें जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है. इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है.
इसरो जासूसी केस: वैज्ञानिक को फंसाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस व IB अफसरों से मांगा जवाब
वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है. इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा.
नासा के अंतरिक्षयान से टक्कर से बचने के लिए चंद्रयान-2 ने किया पूर्वाभ्यास : इसरो
यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान होगी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन' का उपयोग करते हुए 23वां मिशन होगा.