अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर यूएन उच्च स्तरीय बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, अफगानिस्तान एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है. भारतीय पहले अफगानिस्तान की मानवीय मदद करता रहा है. बड़े पैमाने पर गेंहू भेजता रहा है. हमने बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट बनाए हैं. अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए इस चुनौती पूर्ण समय में भी भारत पहले की तरह अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है. अफगानिस्तान के लोगों की सही मदद हो, इसके लिए विश्व समुदाय को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे.
साथ ही कहा, भारत ने लगभग 3 बिलियन से ज्यादा अभी तक अफगानिस्तान में इन्वेस्ट किया है. लगभग 500 प्रोजेक्ट अलग-अलग फील्ड में देश के सभी 34 प्रोविंस में चल रहे थे. भारत संकट की इस घड़ी में हमेशा की तरह अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में सबसे बेहतर माहौल बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए. अफगानिस्तान के प्रति भारत का दृष्टिकोण हमेशा इसके लोगों के साथ ऐतिहासिक मित्रता द्वारा निर्देशित होता रहा है, आगे भी ऐसा ही रहेगा. जो लोग अफगानिस्तान में आना और बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें बिना किसी रुकावट के ऐसी सुविधाएं दी जानी चाहिए.
साथ ही उन्होंने कहा, यात्रा और सुरक्षित आवाजाही का मुद्दा मानवीय सहायता में अवरोध बन सकता है जिसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए. अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन. अफगानिस्तान एक अहम और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का सतत समर्थन किया है.