SC कॉलेजियम ने समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल को जज नियुक्त करने की सिफारिश दोहराई, केंद्र ने जताई थी आपत्ति

कृपाल को नियुक्त करने का प्रस्ताव पांच साल से अधिक समय से लंबित है. 13 अक्टूबर 2017 को दिल्ली  हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा सर्वसम्मति से सिफारिश की गई और 11 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा मंजूरी दी गई थी.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश दोहराई है. सिफारिश केंद्र को भेजी गयी है. कॉलेजियम ने केंद्र द्वारा उनके सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में खुलेपन के आधार पर प्रस्ताव वापस भेजने पर असहमति जताई है.  दरअसल केंद्र को आशंका थी कि समलैंगिक अधिकारों के लिए उनके "लगाव" को देखते हुए, कृपाल के पूर्वाग्रह की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.इसलिए प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस भेजा गया था.

हालांकि, 18 जनवरी के एक प्रस्ताव में कृपाल के नाम को दोहराते हुए, CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ वाले कॉलेजियम ने कहा है कि सौरभ अपने ओरिएंटेशन के बारे में खुले हैं. यह एक ऐसा मामला है जिसका उनको श्रेय को जाता है. न्यायपालिका के लिए एक संभावित उम्मीदवार के रूप में, वह अपने ओरिएंटेशन के बारे में गुप्त नहीं रहे हैं.  संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उस आधार पर उनकी उम्मीदवारी को खारिज करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित संवैधानिक सिद्धांतों के स्पष्ट रूप से विपरीत होगा. 

गौरतलब है कि कृपाल को नियुक्त करने का प्रस्ताव पांच साल से अधिक समय से लंबित है. 13 अक्टूबर 2017 को दिल्ली  हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा सर्वसम्मति से सिफारिश की गई और 11 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा मंजूरी दी गई थी. कॉलेजियम ने कहा है कि कृपाल को यह सलाह दी गई थी कि वे उन कारणों के संबंध में प्रेस से बात न करें, जो कॉलेजियम की सिफारिशों पर पुनर्विचार के लिए वापस भेजे जा सकते हैं. हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि कृपाल के पास योग्यता, सत्यनिष्ठा और बुद्धिमता है. उनकी नियुक्ति दिल्ली हाईकोर्ट में समावेश और विविधता प्रदान करेगी. उनका आचरण और व्यवहार बोर्ड से परे रहा है.

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प्रस्ताव वापस करने के लिए केंद्र द्वारा कृपाल के पार्टनर स्विस नागरिक पर उठाए गए सवाल पर कॉलेजियम ने कहा है कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि किरपाल के साथी के व्यवहार का राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई असर पड़ता है.  ऐसा नहीं लगता कि उनका साथी, जो एक स्विस नागरिक है, हमारे देश के लिए शत्रुतापूर्ण व्यवहार करेगा, क्योंकि उनका मूल देश एक मित्र राष्ट्र है. वर्तमान और अतीत सहित उच्च पदों पर कई व्यक्ति संवैधानिक पदों के धारकों के पति-पत्नी विदेशी नागरिक हैं और रहे हैं. इसलिए, सिद्धांत के रूप में, सौरभ कृपाल की उम्मीदवारी पर इस आधार पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती है कि उनका साथी विदेशी नागरिक है. इसलिए, सौरभ कृपाल की उम्मीदवारी के अत्यधिक सकारात्मक पहलुओं को तौलना चाहिए .

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