भारत ने बंदरगाहों पर कस्टम की मंजूरी का इंतजार कर रहीं गेहूं की खेप के निर्यात को दी मंजूरी

wheat export : सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि गेहूं निर्यात पर अचानक प्रतिबंध की घोषणा से कुछ बंदरगाहों पर गेहूं से लदे ट्रकों की कतार लग गई है.

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नई दिल्ली:

India Wheat Export : भारत ने गेहूं के निर्यात (wheat export) को लेकर सशर्त ढील दे दी है. सरकार ने कहा है कि जो भी गेहूं की खेप निर्यात के लिए आखिरी दहलीज पर है औऱ सिर्फ कस्टम यानी सीमा शुल्क विभाग की मंजूरी का इंतजार के कारण अटकी है, उसे नहीं रोका जाएगा. सरकार ने इससे पहले 13 मई को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. अब सरकार ने नियमों में कुछ ढील देते हुए सीमा शुल्क विभाग के पास निर्यात प्रतिबंध से पहले पंजीकृत हो चुके मामलों में गेहूं के निर्यात की अनुमति दे दी है. सरकार ने गेहूं निर्यात पर 13 मई को प्रतिबंध लगाया था.विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 13 मई को अधिसूचना जारी कर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. गेहूं   आर आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जो पिछले एक साल में औसतन 14 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं.

13 मई को लगाई गई थी निर्यात पर रोक

सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों और खाद्य सुरक्षा के तहत गरीबों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया था. हालांकि किसान संगठनों ने इस कदम का विरोध किया था. उनका कहना था कि एक ओर सरकारी खरीद पर उन्हें कोई बोनस नहीं दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर निर्यात पर रोक लगाकर किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. 

मध्यप्रदेश : गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से कारोबारियों के 5,000 ट्रक बंदरगाहों पर अटके 

अमेरिका समेत कई देशों ने भारत के फैसले की आलोचना भी की थी. दरअसल, यूक्रेन और रूस के युद्ध के मद्देनजर दुनिया भर में गेहूं की किल्लत पैदा होने लगी है. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भारत में भी समय से पहले गर्मी पड़ने के कारण गेहूं का उत्पादन कम रहने का अनुमान है. 

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'अगर हर देश यही करे...' भारत के गेहूं निर्यात पर रोक के फैसले का G7 ने की आलोचना

एक दिन पहले मध्य प्रदेश के एक कारोबारी संगठन ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की थी. संगठन कहा था कि  कारोबारियों के करीब 5,000 ट्रक देश के दो बड़े बंदरगाहों पर अटक गए हैं.  इन ट्रकों के जरिये गेहूं की बड़ी खेप निर्यात के लिए बंदरगाहों तक पहुंचाई गई थी. संगठन ने घोषणा की है कि गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ राज्य की सभी 270 कृषि उपज मंडियों में मंगलवार और बुधवार को कारोबार नहीं होगा.

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वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘गेहूं की जो भी खेप सीमा शुल्क विभाग को जांच के लिए सौंपी गई है और उसकी प्रणाली पर 13 मई से पहले पंजीकृत है, उसके निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया गया है.''इसके अलावा सरकार ने मिस्र के लिए गेहूं की खेप के निर्यात की अनुमति दी है. यह गेहूं पहले ही कांडला बंदरगाह पर लदान की प्रक्रिया में है.मिस्र सरकार ने आग्रह किया था कि कांडला बंदरगाह पर जिस गेहूं का लदान किया जा रहा है, उसके निर्यात की अनुमति दी जाए.

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मिस्र को गेहूं का निर्यात करने वाली कंपनी मीरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लि. ने कहा है कि 61,500 टन में से 44,340 टन गेहूं का लदान पूरा हो चुका है और 17,160 टन का लदान भी पूरा होने की प्रक्रिया में है.मंत्रालय ने 61,500 टन की पूरी खेप के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है. सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि गेहूं निर्यात पर अचानक प्रतिबंध की घोषणा से कुछ बंदरगाहों पर गेहूं से लदे ट्रकों की कतार लग गई है.

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