पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की बड़ी जीत से पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि इंतजार करें, कुछ दिनों के बाद इंडिया गठबंधन सरकार बनाएगा. साथ ही कहा कि सरकारें "कभी-कभी एक दिन के लिए चलती हैं". प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक में बोलते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी क्योंकि सरकार "अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से" बनाई जा रही है.
पीएम मोदी और भाजपा इस बार अपने सहयोगियों पर निर्भर है. खासतौर पर चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू पर क्योंकि हाल ही में संपन्न चुनावों में भाजपा को 240 लोकसभा सीटों पर जीत मिली है और वो बहुमत के आंकड़े से यह 32 कम है.
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके जैसे सहयोगियों के मजबूत प्रदर्शन की बदौलत इंडिया गठबंधन 232 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रहा. तृणमूल संसद में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है और शीर्ष पांच पार्टियों में से इंडिया गठबंधन की चार पार्टियां हैं. हालांकि गठबंधन बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से बहुत कम है.
एनडीए सहयोगियों के भाजपा को समर्थन पत्र भी इंडिया गठबंधन के नेताओं को यह संकेत देने से नहीं रोक पाए हैं कि वे सरकार बना सकते हैं. यहां तक कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को गठबंधन की बैठक के बाद कहा था कि इंडिया गठबंधन "भाजपा द्वारा शासित न होने की लोगों की इच्छा को साकार करने" के लिए उचित समय पर उचित कदम उठाएगा.
'शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे'
भाजपा पर अपना हमला जारी रखते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित "क्रूर बल" का उपयोग करके पारित कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए.
रविवार को शपथ ग्रहण समारोह को लेकर उन्होंने कहा, "हम उन्हें शुभकामनाएं नहीं दे सकते क्योंकि वे अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार बना रहे हैं. वे फिर से पार्टियों को तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन वे अंदर से टूट जाएंगे क्योंकि बहुत से लोग नाखुश हैं. हमें शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है और हम नहीं जाएंगे.''
चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की मांग करेंगे : ममता बनर्जी
इंडिया गठबंधन के सभी सदस्यों को बैठक के लिए कोलकाता में आमंत्रित करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 19 अप्रैल से 1 जून के बीच लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से हर एक में मतदान हुआ. उन्होंने कहा, "चुनाव प्रक्रिया दो महीने नहीं चल सकती है. हम लोगों के हित में इस बदलाव की मांग करते हैं."
तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 29 पर जीत हासिल की है, जबकि पिछली बार यह संख्या 22 थी. भाजपा की 2019 में 18 सीटें थीं, जो घटकर इस बार 12 हो गई हैं.
शनिवार की पार्टी बैठक में बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया. सुदीप बंद्योपाध्याय लोकसभा में पार्टी के नेता होंगे और काकोली घोष दस्तीदार उपनेता होंगी. राज्यसभा में पार्टी का नेतृत्व एक बार फिर डेरेक ओ ब्रायन करेंगे और पहली बार सांसद बनीं सागरिका घोष उपनेता होंगी.
ये भी पढ़ें :
* कौन है बंगाल का मतुआ समुदाय? जिसने बिगाड़ा BJP का 'खेला', चल गई ममता की 'चाल'
* छात्र राजनीति से बंगाल की CM तक... राजनीति में कुछ ऐसे बढ़ती गई ममता 'दीदी' की ताकत
* लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: कौन हैं I.N.D.I.A के 5 नेता, जिन्होंने लगाया 'पांच का पंच'