न्यायपालिका की स्वतंत्रता अछूती रहेगी, इसकी मजबूती के लिए सब कुछ करेंगे : कानून मंत्री

कानून मंत्री रिजिजू ने जोर देकर कहा कि भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ा है. हम इसकी रक्षा के लिए यहां हैं. हम सब एक हैं. आपस में लड़ना ठीक नहीं है.

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कानून मंत्री ने कहा, भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ा है
नई दिल्‍ली:

'हम न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए सब कुछ करेंगे. न्यायपालिका की स्वतंत्रता अछूती रहेगी.' यह विचार कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में SCBA द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्‍यक्‍त किए. कानून मंत्री ने कहा कि  एक देश अपने नेताओं के दूरदर्शी मार्गदर्शन में आगे बढ़ता है. नेता कमजोर होते हैं तो देश कमजोर होता है. अगर CJI कमजोर हो जाते हैं तो SC कमजोर हो जाता है. अगर SC कमजोर हो जाता है तो न्यायपालिका कमजोर हो जाती है.  उन्‍होंने कहा, "मैं CJI चंद्रचूड़ को बधाई देता हूं और जानता हूं कि न्यायपालिका उनके अधीन ऊपर उठेगी. पिछले 8.5 वर्षों में, हमारे पीएम के नेतृत्व में, हमने संविधान की पवित्रता को कम करने के लिए कुछ नहीं किया है. कल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इस महान अवसर का जश्न मनाएंगे. रिजिजू ने जोर देकर कहा कि  भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ा है. हम इसकी रक्षा के लिए यहां हैं. हम सब एक हैं. आपस में लड़ना ठीक नहीं है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़  ने इस मौके पर कहा कि  न्यायिक प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितने कुशल हैं.नागरिक के लिए यह मायने रखता है कि अदालत द्वारा मामले की सुनवाई की जाती है या नहीं. इसमें कितना समय लगता है. जजों के लिए कोई मामला बहुत छोटा नहीं है और कोई मामला बहुत बड़ा नहीं है क्योंकि आखिरकार आप कानूनी सिद्धांतों को हर मामले में लागू करते हैं. चाहे छोटा मामला हो और बड़ा, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रशासक के रूप में हम मामलों का तेजी से निपटारा करें. अगले हफ्ते से, मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के मामलों, आपराधिक अपीलों से निपटने के लिए, जहां अभियुक्त अभी भी जेल में हैं, भूमि अधिग्रहण, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर मामलों के लिए SC में चार विशेष बेंच काम करेंगी.

CJI ने कहा, "मुझे कॉलेजियम की आलोचना का जवाब देना चाहिए. कोई भी संस्था संपूर्ण नहीं है लेकिन हम संविधान को लागू करने वाले वफादार सिपाही हैं. एससीबीए के अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि अच्छे वकीलों को बेंच में कैसे लाया जाए और वह नहीं हो रहा है. अकेले यह सुनिश्चित नहीं कर सकता कि हमारे पास अच्छे न्यायाधीश हैं. युवा वकीलों के सोचने के तरीके को बदलने की जरूरत है. अगर युवा वकील वरिष्ठ वकीलों को न्यायाधीशों पर चिल्लाते हुए देखते हैं तो यह एक गलत संदेश भेजता है. युवा वकीलों को वरिष्ठों द्वारा परामर्श देने की आवश्यकता है. हम अच्छे लोगों को न्यायपालिका स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. यह सिर्फ कॉलेजियम में सुधार के बारे में नहीं है, यह सलाह के बारे में है ." उन्‍होंने कहा कि जनहित सिर्फ जनहित याचिकाओं के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी है कि नागरिकों की न्याय तक आसान पहुंच हो. CJI ने यह भी कहा कि भारत की गर्मी के समय में वकीलों के द्वारा ड्रेस कोड पर विचार किया जाना चाहिए. उन्‍होंन कहा कि SC के जजमेंट्स को भी लोगो के लिए सुलभ बनाया जाएगा.

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