यूनिटेक मामले में जेल प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. दिल्ली पुलिस की तिहाड़ जेल अधिकारियों के खिलाफ दर्ज FIR के बाद तिहाड़ DG ने बड़ी कार्रवाई की है. यूनिटेक भाईयों के जेल को आरामगाह बनाने और जेल नियमों को ताक पर रख आपराधिक साजिश रचने के मामले के खुलासे के बाद आरोपी कर्मचारियों व जेल अधिकारियों पर करप्शन का चार्ज लगा है.
डीजी तिहाड़ सन्दीप गोयल के मुताबिक दिल्ली पुलिस की ओर से पुलिस जांच के दौरान इस मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्त पाए गए 32 जेल अधिकारियों के नामों के साथ पत्र प्राप्त हुआ है. 32 कर्मियों में से 30 नियमित कर्मचारी हैं जबकि दो संविदा कर्मचारी हैं (एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और एक नर्सिंग अर्दली) है. 30 जेल कर्मचारियों को निलंबित कर दो संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने इस मामले के खुलासे के बाद FIR दर्ज की थी. यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा द्वारा जेल से गैर कानूनी गतिविधियां चलाने के मामले में ये कार्रवाई की गई. 26 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंद्रा बंधुओं को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट फाइल की थी. जिसमें कहा गया था कि चंद्रा बंधु जेल में रहकर अपना कारोबार चला रहे हैं. इतना ही नहीं जेल में ही चंद्रा बंधुओं ने अपना ऑफिस भी खोल रखा है. प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों भाइयों को मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दिए थे. राकेश अस्थाना ने जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी थी.
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