प्रवासियों को लेकर भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग, हमें किसी शरणार्थी नीति की जरूरत नहीं: लोकसभा में अमित शाह

नए आप्रवास विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता और विदेशियों के आप्रवास से संबंधित मुद्दों का समाधान और देश में आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ संतुलन है.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आप्रवास विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा है कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है, इसलिए किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है.

गृह मंत्री ने Immigration & Foreigners Bill पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि ये देश कोई धर्मशाला नहीं है. जो देश के लिए खतरा रहेगा, उसको प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह देश कोई धर्मशाला नहीं है, कि किसी भी उद्देश्य से आए और जहां चाहे रह जाएगा. उन्होंने कहा कि कानूनन तौर पर अगर कोई हमारे देश में आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन अगर सुरक्षा के लिए कोई खतरा है तो उसको रोकने का हमारी संसद के बाद अधिकार है.

उन्होंने साथ ही कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आकर कहीं सबसे सुरक्षित और शान के साथ रहते हैं तो वो भारत है. उन्होंने कहा कि पुराने विधेयक में 45 धाराएं थीं, लेकिन नए विधेयक में 36 धाराएं हैं.

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अमित शाह ने कहा कि अभी तक जो एजेंसी ब्लैक लिस्ट बनती थी, उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं थी, लेकिन इस कानून के बाद ब्लैकलिस्ट को कानूनी मान्यता मिलेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी विदेशी नागरिक को, अगर भारत में आता है तो किस मार्ग से आना है यह तो तय करना होगा, इतनी बड़ी और लंबी भूमि पर कोई कहीं से भी आ जाएगा, वह सही नहीं है.

अमित शाह ने कहा कि आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक से भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का हमारा सपना पूरा होने वाला है.

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गृह मंत्री ने कहा कि इमिग्रेशन-फॉरेनर्स बिल से उद्देश्यों की पूर्ति होगी. भारत के प्रवासियों ने दुनिया को समृद्ध किया है.

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आप्रवास विधेयक में विदेशियों के लिए होंगे नए नियम

आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025 विदेशियों और आप्रवासन से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए एक व्यापक विधान है. इसका उद्देश्य देश में प्रवेश, निवास और यात्रा से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है. कानून बन जाने के बाद यह वर्तमान में लागू चार अधिनियमों की जगह लेगा.

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यह विधेयक विदेशियों और आप्रवासन से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए एक व्यापक विधान है. विदेशियों और इमिग्रेशन से संबंधित मामलों को वर्तमान में चार कानूनों - पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, विदेशी अधिनियम, 1946 और आप्रवास (वाहकों का दायित्व) अधिनियम, 2000 - के माध्यम से प्रशासित किया जाता है. नया कानून आने के बाद इन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव है. साथ ही इसमें वर्तमान समय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ नए प्रावधान भी हैं. यह विधेयक कानूनों के सरलीकरण, व्यापार करने में आसानी और अनुपालन भार को कम करने की भारत सरकार की नीति के अनुरूप है.

इसमें होटलों, विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि द्वारा विदेशियों के बारे में सूचना की अनिवार्य रिपोर्टिंग शामिल है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों को ट्रैक किया जा सके. साथ ही, अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुसार यात्रियों के बारे में सूचना साझा करने को लेकर कैरियर्स के दायित्व और अनुपालन भार को आसान बनाने के लिए कुछ अपराधों की कंपाउंडिंग भी इसमें शामिल है.

विधेयक में सरल भाषा से प्रावधानों को सुचारू तरीके से प्रशासित करने में मदद मिलेगी और विदेशियों द्वारा इमिग्रेशन कानूनों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा. यह अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने और निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों की आवाजाही की ट्रैकिंग में मदद करेगा.

नए विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता और विदेशियों के आप्रवास से संबंधित मुद्दों का समाधान और देश में आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ संतुलन है. हालांकि यह विधेयक नागरिकता प्रदान करने से संबंधित किसी भी मामले से नहीं जुड़ा है.

विधेयक में वीजा से संबंधित प्रावधानों का भी विस्तार किया गया है. वीजा और संबंधित मामलों का समग्र पर्यवेक्षण, निर्देश और नियंत्रण केंद्र सरकार के तहत होगा. इसके माध्यम से देश में पेशेवरों, कुशल कार्यबल, व्यवसायियों, छात्रों, विदेशी पर्यटकों और चिकित्सा उपचार के लिए आने वाले विदेशियों की आंतरिक आवाजाही को सुगम बनाया जाएगा.

विधेयक में पर्यटन वीजा, व्यावसायिक वीजा, चिकित्सा वीजा आदि के लिए भारतीय वीजा व्यवस्था को अधिक सुव्यवस्थित और उदार बनाने का प्रयास किया गया है. इसके माध्यम से वैध विदेशी यात्रियों के लिए देश में प्रवेश, निवास और बाहर निकलने की प्रक्रिया को सरल और बिना परेशानी के बनाया जाएगा. इससे पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होंगी.

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