ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष 

अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. ऐसे में हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. वहां हिन्दू पक्ष ने कैविएट याचिका दायर की है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट आथा है तो हमारी बात भी सुनी जाए

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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना मामले में एक नया मोड़ आया है. हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्ष ने कैविएट याचिका दाखिल की है. दरअसल, हाईकोर्ट के फैसले पर कैविएट याचिका दायर की गई है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट आता है तो हमारा पक्ष भी सुना जाए. दरअसल, सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि. व्यासजी तहखाने (Vyasji Tahkhana) में पूजा जारी रहेगी.

अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. ऐसे में हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. वहां हिन्दू पक्ष ने कैविएट याचिका दायर की है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट आथा है तो हमारी बात भी सुनी जाए.

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाया था.  इस मामले में वाराणसी ज़िला अदालत के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि बीती 31 जनवरी को हिंदू पक्ष को वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी, जिसके बाद वाराणसी कोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में चुनौती दी थी.

व्यास जी का तहखाना के नाम से मशहूर इस स्थान को 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सील कर दिया गया था. विध्वंस के तुरंत बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. अगले साल विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav on Gyanvapi) के नेतृत्व वाली सरकार बनी. राज्य सरकार ने तब कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला दिया और तहखाने वाले 'मंदिर' को सील कर दिया गया.

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