नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) में जारी राजनीतिक संकट के बीच सूत्रों के अनुसार बड़े उलटफेर की संभावना व्यक्त की जा रही है. कुछ ही दिन पहले एनडीए से अलग हुए दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के 4 विधायकों ने बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है. तीन निर्दलीय विधायकों (Independent MLAs) के समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद संकट में दिख रही बीजेपी सरकार के लिए यह राहत की खबर हो सकती है.
यह बैठक पानीपत में राज्य मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर हुई है. जननायक जनता पार्टी या जेजेपी के चार विधायक दोपहर करीब दो बजे खट्टर से मिलने पहुंचे इस दौरान दोनों ही नेताओं की लगभग आधे घंटे तक मुलाकात हुई. सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक संकट पर चर्चा की. यह बैठक राज्य मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर हुई. हरियाणा सरकार पर कैसे आया संकट?
हरियाणा में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार इस सप्ताह की शुरुआत में संकट में पड़ गई थी क्योंकि विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन (पुंडरी से) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी के) ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था. निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी के बाद दुष्यंत चौटाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी की तरफ से अगर सरकार बनाने का दावा किया जाता है तो जेजेपी उनका समर्थन करेगी.
चौटाला ने राज्यपाल को लिखा पत्र
चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग की है. हालांकि छह महीने की अवधि में सरकार के खिलाफ केवल एक अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. इस कारण विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की उनकी मांग में कानून समस्या है. यह देखते हुए कि कांग्रेस फरवरी में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी और मार्च में शक्ति परीक्षण हुआ था, विपक्ष के पास कोई विकल्प नहीं है. इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है.
INLD विधायक ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. चौटाला ने कहा मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं रहा है इसलिए बीजेपी को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए कहा जाए. अगर मौजूदा परिस्थितियों में विधानसभा का सत्र बुलाना संभव नहीं है तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
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