जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान जारी करने पर सहमति नहीं बनी, जानें कहां फंसा पेंच

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज सुनी जाए.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्वलंत वैश्विक चुनौतियों पर आम-सहमति बनाने तथा भू-राजनीतिक तनाव पर मतभेदों से समूह के व्यापक सहयोग को प्रभावित नहीं होने देने का आह्वान किया.

विज्ञापन
Read Time: 22 mins
जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान जारी करने पर सहमति नहीं बनी.
नई दिल्ली:

जी20 के विदेश मंत्रियों की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यूक्रेन संघर्ष को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच तीखे मतभेदों के कारण संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका, जबकि मेजबान देश भारत ने आम-सहमति बनाने के लिए सतत प्रयास किए. वहीं, इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह मेजबान के रूप में भारत के प्रयासों की कमी नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच बढ़ते ‘मतभेद' का नतीजा है. भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज स्वीकार किए गए, जिनमें समूह की कई अहम प्राथमिकताएं, जैसे.. भोजन/खाद्य पदार्थ, ऊर्जा और उर्वरक आदि सूचीबद्ध हैं.

विकासशील देशों से जुड़ी चिंताओं पर सहमति बनी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर मतभेद थे और इस वजह से बैठक में संयुक्त वक्तव्य पर सहमति नहीं बनी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यादातर मुद्दों, खास तौर से विकासशील देशों से जुड़ी चिंताओं पर सहमति बनी है. जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर सभी मुद्दों पर सबके विचार समान होते तो पक्का एक साझा बयान जारी होता, लेकिन कुछ मुद्दे हैं और मुझे लगता है वो मुद्दे, मैं स्पष्ट कहूंगा कि वे यूक्रेन संघर्ष से जुड़े हैं, जिन पर मतभेद हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ज्यादातर मुद्दों पर हम सारांश और परिणाम दस्तावेज बना सके. सारांश बना, क्योंकि यूक्रेन के मुद्दे पर मतभेद हैं और इस कारण अलग-अलग विचार रखने वाले पक्षों के बीच सहमति नहीं बन सकी.''

विचार दो ध्रुवों में बंटे हुए थे
हालांकि, जयशंकर ने दो पैराग्राफ का विरोध करने वाले देशों के नाम नहीं लिए, लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस और चीन ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर मतभेद थे, जिन पर सुलह की स्थिति नहीं बन सकी. कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका नीत पश्चिमी जगत और रूस-चीन के बीच गहरा विभाजन देखा गया. जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार दो ध्रुवों में बंटे हुए थे. विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 का परिणाम दस्तावेज मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के जी20 के संकल्प को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी.

Advertisement

आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई
अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ थे, लेकिन इसमें यह भी कहा गया कि रूस और चीन को छोड़कर सभी देश इस पर सहमत हुए. उन्होंने कहा कि ये दो पैराग्राफ जी20 के बाली सम्मेलन के घोषणापत्र से लिए गए थे. इनमें से एक पैराग्राफ में लिखा है, ‘‘उन अंतरराष्ट्रीय कानून और बहुपक्षीय प्रणाली को कायम रखना जरूरी है, जो शांति और स्थिरता को सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में अंकित सभी उद्देश्यों तथा सिद्धांतों का बचाव और सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों तथा बुनियादी ढांचे की रक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीयता कानून का पालन शामिल है.'' इसमें कहा गया, ‘‘परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है. संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकट से निपटने के प्रयासों और कूटनीति तथा संवाद महत्वपूर्ण हैं. आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई. जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज सुनी जाए.'' बैठक की शुरुआत में एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्वलंत वैश्विक चुनौतियों पर आम-सहमति बनाने तथा भू-राजनीतिक तनाव पर मतभेदों से समूह के व्यापक सहयोग को प्रभावित नहीं होने देने का आह्वान किया.

Advertisement

यह भी पढ़ें-
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली भर में 2,500 नुक्कड़ सभाएं आयोजित करेगी आप
राज ठाकरे के करीबी MNS नेता संदीप देशपांडे पर हमला, हिंदुजा अस्पताल में भर्ती

Advertisement
Featured Video Of The Day
USHA Silai Schools में सशक्तिकरण का एक पूरा दशक |USHA Kushalta Ke Kadam