Kisan Aandolan: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि 'विवादित' कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच बातचीत का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. हमने बार-बार यह कहा कि सरकार बिना किसी कंडीशन के बातचीत करे. शर्त लगाकर बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है. बातचीत की नाकामी के लिए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि नतीजा नहीं निकला तो क्या हम कहना छोड़ दें कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं है. हमने बार-बार कहा कि सरकार, बिना किसी कंडीशन के बात करे.सरकार यह नहीं कहे कि हम कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है.NDTV के साथ बातचीत में अपने आंदोलन की भावी रणनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी बात को लेकर लेकर पूरे देश जाएंगे.अभी हमने वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत की, आगे हम हम अपनी बात को लेकर पूरे यूपी जाएंगे. जनता के सामने अपनी बात रखेंगे.
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं जबकि सरकार का साफ कहना है कि कानून रद्द नहीं होंगे, इसमें जो संशोधन किसानों की ओर से सुझाए जांएगे, इसके लिए वह तैयार है. राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपने अभियान में यह बताएंगे कि कौन सी सरकार ने क्या-क्या काम किया और वर्तमान सरकार ने क्या किया? हम पूरे देश में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि पब्लिक सेक्टर की प्रापर्टी बेची जा रही और रेलवे का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गन्ने का मूल्य पांच साल से नहीं बढ़ा. गन्ने का 18 हजार करोड़ बकाया है.
क्या यूपी में चुनाव लड़ेगे, इस सवाल पर टिकैत ने कहा- हमारा इसका कोई इरादा नहीं है, हम चुनाव नहीं लड़ रहे. यह पूछे जाने पर कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर मिल रहे सर्वे तो यह बता रहे कि योगी के नेतृत्व में बीजेपी की फिर राज्य में सरकार बनने वाली है, टिकैत ने कहा-जिसको जीतना होगा,जीत लाएगा. लोकतांत्रित देश में सबको अपनी बात रखने का हक है, हम भी अपनी बात रखेंगे.
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