मंदिर के दावों के बीच कुतुब मीनार परिसर में होगी खुदाई? जानें- केंद्र सरकार ने क्या कहा

संस्कृति सचिव गोविंद मोहन शनिवार को स्मारक का दौरा किया था, जिसके बाद ऐसी खबरें आने लगीं कि एएसआई को यह पता लगाने के लिए खुदाई करने का आदेश दिया गया है कि कुतुब मिनार कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनाया गया था या चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा.

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दिल्ली स्थित कुतुब मीनार के परिसर में खुदाई को लेकर लगाए जा रहे सभी कयासों पर रविवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने विराम लगा दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट ये दावा कर रहे थे कि संस्कृति मंत्रालय ने ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर के अंदर लगी मूर्तियों का आईकॉनोग्राफी कराने का निर्देश दिया है. साथ मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर कुतुब मीनार के दक्षिण में खुदाई भी शुरू की जा सकती है. खबर थी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उत्खनन शुरू करना है और संस्कृति मंत्रालय को रिपोर्ट करना है.

 कोई निर्णय नहीं लिया गया

हालांकि, इस संबंध में एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रालय ऐसा कुछ करने का नहीं सोच रहा. इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. दरअसल, संस्कृति सचिव गोविंद मोहन शनिवार को स्मारक का दौरा किया था, जिसके बाद ऐसी खबरें आने लगीं कि एएसआई को यह पता लगाने के लिए खुदाई करने का आदेश दिया गया है कि कुतुब मिनार कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनाया गया था या चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा. 

हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो पूरे मामले में मंत्रालय ने कहा कि अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से साइट का दौरा किया है. खुदाई के संबंध में अब तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने एएसआई को अगले निर्देश तक कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने का निर्देश दिया था. 

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27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ा गया

अदालत ने जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव की ओर से वकील हरि शंकर जैन द्वारा दायर एक मुकदमे पर ये आदेश पारित किया था. उक्त मुकदमे में दावा किया गया था कि 27 मंदिरों को आंशिक रूप से मोहम्मद गौरी की सेना में एक जनरल कुतुबदीन ऐबक और कुव्वत-उल-इस्लाम द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. सामग्री का पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर मस्जिद को बनाया गया था. 

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गौरतलब है कि हाल ही में, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी दावा किया कि कुतुब मीनार वास्तव में "विष्णु स्तम्भ" था. उन्होंने कहा कि 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर इकट्ठा हुए सामग्री से स्मारक का निर्माण किया गया था.

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