केजरीवाल, सोरेन और लालू... क्या सिर्फ विपक्ष पर ही होता है एक्शन? क्यों उठते हैं ED-CBI पर सवाल?

ED की कार्रवाई लंबे समय से सुर्खियों में है. सरकार की दलील कि बेइमानों पर जांच एजेंसी स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करती है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि ED का एक्शन विपक्षी खेमे के नेताओं पर ही होता है. ED की जांच में तो अब सरकारें तक जा रही हैं.

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हाल में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किसी न किसी मामले में विपक्ष के नेताओं पर ही शिकंजा कसा.

नई दिल्ली:

जांच एजेंसियों पर सियासत कोई नई बात नहीं है. करीब 20 साल से लगातार इसपर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जो पार्टी सत्ता में होती है, वो जांच एजेंसियों को स्वतंत्र बताती है. जबकि जो पार्टियां विपक्ष की बेंच पर बैठती है, वो जांच एजेंसियों के सरकार के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाती रहती है. देश की राजनीति में 2014 से पहले सबसे ज़्यादा चर्चा CBI की होती थी. तब विपक्ष का आरोप रहता था कि CBI के सहारे सरकार उन्हें परेशान कर रही है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने CBI के लिए कह दिया था कि वो पिंजरे में बंद तोते की तरह सरकार के इशारे पर काम करता है. 2014 में सरकार बदल गई. कांग्रेस को हराकर बीजेपी सत्ता में आ गई. सत्तापक्ष बनाम विपक्ष की लड़ाई तो जारी है, लेकिन अब CBI से ज्यादा प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)यानी ED की चर्चा होती है. हाल के दिनों में ED की जांच, नेताओं की गिरफ्तारी और उसपर सियासत का दौर जारी है.

ED की कार्रवाई लंबे समय से सुर्खियों में है. सरकार की दलील कि बेइमानों पर जांच एजेंसी स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करती है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि ED का एक्शन विपक्षी खेमे के नेताओं पर ही होता है. ED की जांच में तो अब सरकारें तक जा रही हैं.

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हाल में विपक्ष के इन नेताओं पर कसा ED का शिकंजा
हाल में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किसी न किसी मामले में विपक्ष के नेताओं पर ही शिकंजा कसा. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, बिहार के पूर्व सीएम और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, शरद पवार के पोते रोहित पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला इसके उदाहरण हैं. ये सभी नेता विपक्षी खेमे में हैं.

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हेमंत सोरेन- जमीन घोटाले में छोड़नी पड़ी सीएम की कुर्सी
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के चीफ और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाले में ED की जांच का सामना कर रहे हैं. ED ने बुधवार को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनकी जगह JMM के सीनियर नेता और शिबू सोरेन के बेहद करीबी चंपाई सोरेन झारखंड के नए सीएम बनाए गए हैं. रांची की PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को पहले एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. शुक्रवार को उन्हें 5 दिन की ED की रिमांड पर भेज दिया गया है. ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रांची हाइकोर्ट को जल्द सुनवाई का निर्देश देने की हेमंत सोरेन की याचिका को भी खारिज कर दी.

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हेमंत सोरेन पर कथित जमीन घोटाले में पैसे के घालमेल यानी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. कथित तौर पर सेना की जमीन के घोटाले में 8.46 एकड़ ट्राइबल लैंड पर कब्जे का आरोप है. वहीं, हेमंत सोरेन पर साहेबगंज में अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी है. 

लालू यादव और तेजस्वी यादव- बिहार में नीतीश कुमार ने बदला पाला
झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में सरकार ही बदल गई. 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया और दोबारा NDA में  शामिल हो गए. नीतीश कुमार ने अपने पाला बदलने के पीछे तर्क दिया कि महागठबंधन में रहकर उन्हें काम करने में दिक्कत हो रही थी. इसलिए जहां थे वहीं लौट आए. अब कहीं नहीं जाएंगे. दरअसल, बिहार के महागठबंधन के प्रमुख दल RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों पर लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में जांच चल रही है.

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लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती पर लैंड फॉर जॉब स्कैम आरोप है. ED ने अलग-अलग समय पर लालू परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है. ED ने 29 जनवरी को लालू यादव से 10 घंटे पूछताछ की थी. 30 जनवरी को तेजस्वी यादव से करीब 7 घंटे पूछताछ की गई. इससे पहले इसी केस में राबड़ी देवी और मीसा भारती से भी पूछताछ हो चुकी है. 

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अरविंद केजरीवाल- शराब घोटाला मामले में AAP के दो नेता जेल में
दिल्ली में लड़ाई AAP बनाम BJP है. मुद्दा अभी भी दिल्ली शराब नीति पॉलिसी है. इस केस में AAP के नंबर 2 नेता मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में हैं. संजय सिंह भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग के एक दूसरे मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय तक जेल में रहे. फिलहाल उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली है. अब ED ने अरविंद केजरीवाल पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है.

दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने पांचवीं बार समन भेजा. उन्हें 2 फरवरी को पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुए. केजरीवाल बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. ED ने इससे पहले केजरीवाल को 2 नवंबर, 21 दिसंबर, 3 और 17 जनवरी को समन भेजा था. सीएम अरविंद केजरीवाल इसे बदले की कार्रवाई बताते रहे हैं. 

शरद पवार के पोते से पूछताछ
ED ने एनसीपी के शरद पवार के पोते रोहित पवार पर भी शिंकजा कसा है. ED ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में पूछताछ की है. दो बार उनसे पूछताछ हो चुकी है. पहली बार 10 घंटे और 1 फरवरी को 8 घंटे पूछताछ हुई. उन्होंने कहा है कि अब 8 फरवरी को कुछ दस्तावेज़ जमा करने ED ने बुलाया है. वहीं, खिचड़ी घोटाले में ED ने शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत के भाई से पूछताछ की है. 

बंगाल में TMC नेताओं पर एक्शन
पश्चिम बंगाल में ED की जांच पर जबरदस्त सियासत जारी है. 5 जनवरी को जो हुआ वो हैरान करने वाला था. राशन घोटाले की जांच करने ED की टीम टीएमसी नेता शेख शाहजहां घर पहुंची थी. अचानक भीड़ ने ED की टीम पर ही हमला कर दिया. कई अधिकारी इस हमले में घायल हो गए. ये पहली बार हुआ कि इस तरह जांच एजेंसी पर जानलेवा हमला किया गया. इसी राशन घोटाले में ममता सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी भी ED की रडार पर हैं. बंगाल स्कूल रोज़गार घोटाले में ED ने 9 नवंबर को उनसे पूछताछ की थी.

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छत्तीसगढ़- पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर कार्रवाई 
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी ED की रडार पर हैं. महादेव बेटिंग ऐप में ED ने चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट में पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम है. बघेल पर महादेव ऐप के प्रमोटर से 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप है. भूपेश बघेल ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. 

इन नेताओं पर भी एक्शन
-हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी ED की रडार पर हैं. उनसे 14 दिन में दो बार पूछताछ हो चुकी है. मामला मानेसर ज़मीन सौदे से जुड़ा है. 
-जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के फंड में हेरफेर के मामले में ED की जांच का सामना कर रहे हैं. ED ने जनवरी में उन्हें पेश होने का नोटिस दिया था. हालांकि, वो ED के सामने पेश नहीं हुए. 
-तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की जांच की जद में हैं. 
- केरल के सीएम पी विजयन के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. 
- नेशनल हेराल्ड केस में ED ने राहुल गांधी से पूछताछ की है.
-इसी मामले में 2022 में ED सोनिया गांधी से पूछताछ कर चुकी है. 

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विपक्ष का है ये आरोप
विपक्ष का आरोप रहा है कि सिर्फ उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. जो भी बीजेपी के साथ जाकर मिल जाते हैं, उनपर जांच बंद हो जाती है. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की वॉशिंग मशीन में जो जाता है वो धुल जाता है और फिर केस की जांच नहीं होती है. विपक्ष कुछ नेताओं का नाम भी लेती है, जो पहले उनके साथ थे तो जांच हो रही थी, लेकिन जैसे उन्होंने पाला बदला जांच बंद हो गई. हेमंत बिस्वा सरमा, शुभेंदु अधिकारी, अजित पवार, मुकुल रॉय इसके उदाहरण हैं.

ED किस कानून के आधार पर करती है जांच?
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट यानी PMLA में 2005, 2009, 2012 में संशोधन हुए. उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी. 2019 में मोदी सरकार में PMLA में बदलाव हुए. इसके तहत ED को आरोपियों के आवास पर छापेमारी, सर्च और गिरफ्तारी के अधिकार दिए गए. पहले अन्य एजेंसी की चार्जशीट में PMLA की धाराएं लगने पर ही ED जांच करती थी. अब ED खुद FIR दर्ज कर गिरफ्तारी कर सकती है. 

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