तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में फिलहाल केवल एक ही सदस्य हैं- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार. चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को चौंकाने वाला कदम उठाते हुए इस्तीफा दे दिया. जबकि तीन पदों में से एक पद इससे पहले ही खाली हो हो गया था. फरवरी में अनूप पांडे के रिटायर होने के बाद से आयोग में दो सदस्य थे.
लोकसभा चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दिया है. राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह किसी समय होने की संभावना है.
यह साफ नहीं है कि अरुण गोयल के चौंकाने वाले इस्तीफे के पीछे क्या कारण था. 61 साल के गोयल का कार्यकाल 2027 तक था. वे अगले साल राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी जगह ले सकते थे.
पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में पदभार संभाला था.
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गोयल ने इस्तीफा देते समय व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है. एक अधिकारी ने कहा, "सरकार अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी."
पिछले साल के अंत में केंद्र ने एक कानून बनाया जिसके तहत देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति अब राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पैनल की सिफारिश पर की जाएगी.
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि शीर्ष चुनाव आयोग सोमवार से बुधवार तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाला था, ताकि यह आकलन किया जा सके कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कब हो सकते हैं? सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर का दौरा पूरी होने के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जानी थी.