Parliament Monsoon Session: पेगासस जासूसी मुद्दे और कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है. मंगलवार को भी दोनों सदनों में विपक्ष के सदस्यों की ओर से हंगामा किया गया, इसके कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करने की नौबत आई. उच्च सदन यानी राज्यसभा की कार्यवाही जब सुबह 11 बजे शुरू हुई तो सदस्यों ने जमकर हंगामा-नारेबाजी की जिसके कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों के इस तरह के व्यवहार पर नाराजगी जताई है.
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राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, सभापति ने सदन में ड्रामेबाजी को लेकर अफसोस जताया और कहा कि व्यवधान से देश और सदन के हितों को नुकसान पहुंच रहा है. सभापति वेंकैया नायडू ने जोर देकर कहा कि सदन, एक वर्ग के दबाव में काम नहीं करेगा. उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों को अपने इस रवैये को लेकर आत्मावलोकन/आत्मनिरीक्षण (Introspect) करने की भी अपील की. राज्यसभा के चेयरमैन ने कहा कि आपको सदन को चलने देना चाहिए, इस तरह से विरोध करना उचित नहीं है. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया. इसके बाद भी सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने अप्रसन्नता जताई और कहा कि सदस्यों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि इस हंगामे से अन्य चीजों के अलावा देशहित को भी नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने रवैये पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनी और इसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. नायडू ने कहा, 'मैं मीडिया में आई उन रिपोर्ट से चिंतित हूं कि एक वर्ग, सदन के शेष सत्र में भी कार्यवाही नहीं चलने देने को लेकर अडिग है. आप सभी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.'