बंबई उच्च न्यायालय ने डीएचएफएल धन शोधन मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को जमानत देने से बृहस्पतिवार को इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि राणा इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं और उन पर सार्वजनिक धन के शोधन का ‘‘गंभीर आरोप'' है. न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कपूर ने अपने, अपने परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के लिए अनुचित वित्तीय लाभ हासिल करने की खातिर आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया.
अदालत ने कहा, ‘‘वह (कपूर) रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और धन शोधन गतिविधियों में संलिप्त हैं. इस मामले में अपराध से अर्जित आय 5,333 करोड़ रुपये है. यह भी आरोप है कि अपीलकर्ता ने इस रकम के बड़े हिस्से को विदेश भी भेजा.'' कपूर ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह मार्च 2020 से हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई शुरू होने में लंबा समय लगेगा और उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है.
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