दिल्ली दंगा : अदालत ने हत्या के सात आरोपियों को दी जमानत, नहीं मिले गंभीर सबूत

न्यायाधीश ने कहा, “मुकदमे की समाप्ति तक आवेदकों को सलाखों के पीछे रखना मुझे उचित नहीं लगता, क्योंकि मुख्य गवाहों के परीक्षण के बावजूद उनके ख़िलाफ कोई गंभीर साक्ष्य सामने नहीं आया है."

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान हत्या के आरोपी सात लोगों को जमानत देते हुए कहा कि प्रमुख गवाहों की बयानों के बावजूद उनके खिलाफ कोई गंभीर सबूत सामने नहीं आया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला 26 फरवरी, 2020 को गोकलपुरी में जौहरीपुर जल बोर्ड पुलिया के पास दंगों के दौरान अमीर अली की कथित हत्या के मामले में प्रिंस, सुमित चौधरी, संदीप, टिंकू, विवेक पांचाल, पंकज शर्मा और हिमांशु की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे.

न्यायाधीश ने कहा, “मुकदमे की समाप्ति तक आवेदकों को सलाखों के पीछे रखना मुझे उचित नहीं लगता, क्योंकि मुख्य गवाहों के परीक्षण के बावजूद उनके ख़िलाफ कोई गंभीर साक्ष्य सामने नहीं आया है. इसलिए, सभी जमानत आवेदनों को स्वीकार किया जाता है और अभियुक्तों या याचिकाकर्ताओं को उनके व्यक्तिगत मुचलके और 30,000 रुपये के जमानती मुचलके तथा इतनी ही राशि पर जमानत दी जाती है.”

उन्होंने कहा कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने कथित घटना के बारे में कुछ नहीं कहा जबकि अन्य छह गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया. न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि एक हेड कांस्टेबल से पूछताछ की जानी बाकी है, लेकिन उसने किसी आरोपी व्यक्ति की पहचान नहीं की है.

ये भी पढ़ें- 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Taliban VS Pakistan War : कितनी ताकतवर हैTaliban की सेना? | Taliban Army Power Explained
Topics mentioned in this article