Delhi Free Electricity : बिजली सब्सिडी के लिए दिल्लीवासियों को मिलेगा मिस्ड कॉल-व्हाट्सऐप का विकल्प

Delhi Free Electricity : बिजली बिल पर भी एक क्यू आर कोड का विकल्प होगा, जिसको स्कैन करके भी बिजली सब्सिडी का विकल्प चुना जा सकेगा. इसके अलावा डिस्कॉम सेंटर पर जाकर बिजली बिल के साथ एक फार्म भर कर भी ऐसा किया जा सकेगा.  

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Delhi Bijli Subsidy : बिजली सब्सिडी जारी रखने के लिए मिलेगा विकल्प
नई दिल्ली:

दिल्ली के बाशिंदों को मुफ्त बिजली सब्सिडी (Delhi Power Subsidy) जारी रखने या छोड़ने के लिए मिस्ड कॉल या व्हाट्सऐप के जरिये चुनाव का विकल्प दिया जाएगा. दिल्ली सरकार जल्द ही एक फोन नंबर जारी करेगी, जिससे दिल्लीवासी यह चयन कर सकेंगे कि उन्हें 1 अक्टूबर से फ्री इलेक्ट्रिसिटी (Free Electricity) के लिए सब्सिडी चाहिए या नहीं. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जिनके पास ऊर्जा मंत्रालय भी है, उन्होंने शनिवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, बिजली वितरण कंपनियों के अफसरों के साथ बैठक की. सिसोदिया ने कहा, हम पॉवर सब्सिडी के विकल्प को चुनने के लिए प्रक्रिया को बेहद आसान बनाना चाहते हैं. हम जल्द ही एक फोन नंबर जारी करेंगे, जिस पर मिस्ड कॉल देकर या व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर वो नंबर सेव करके भी सब्सिडी लेने या न लेने का विकल्प चुना जा सकता है.

बिजली बिल पर भी एक क्यू आर कोड का विकल्प होगा, जिसको स्कैन करके भी बिजली सब्सिडी का विकल्प चुना जा सकेगा. इसके अलावा डिस्कॉम (Discom) सेंटर पर जाकर बिजली बिल के साथ एक फार्म भर कर भी ऐसा किया जा सकेगा.  दिल्ली में फिलहाल 47 लाख से ज्यादा (47,11,176) परिवार बिजली सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं. 1 अक्टूबर से सभी बिजली बिल उपभोक्ताओं को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे सब्सिडी जारी रखना चाहते हैं या छोड़ना चाहते हैं. 

इस बैठक का एजेंडा बिजली सब्सिडी चुनने या छोड़ने के तरीके को आसान बनाने का था. सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को इसका तरीका बेहद आसान रखने को कहा, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और आसानी से कोई भी अपना विकल्प चुन सके. इस बैठक में तय किया गया कि पावर सब्सिडी के लिए दिल्ली सरकार ने फोन लाइन जारी करेगा.

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मई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फ्री इलेक्ट्रिसिटी के विकल्प को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की थी. इसके तहत 1 अक्टूबर से वे सभी लोग जो, सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं, उन्हें इसका विकल्प मिलेगा. लंबे समय से यह मांग की जाती रही है कि आर्थिक रूप से मजबूत लोगों के लिए सब्सिडी जारी रखने के बजाय जरूरतमंदों को ही इसका लाभ देना चाहिए और इससे बचने वाला पैसा स्कूलों और अस्पतालों में लगाना चाहिए.

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