Lok Sabha Elections 2024: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने NDTV से कहा कि, ''पहले रक्षा उत्पादों का बामुश्किल 600-700 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ करता था, हम 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उत्पादों का एक्सपोर्ट कर चुके हैं. कई चीजें, मिसाइल्स वगैरह का भी एक्सपोर्ट किया है. आगे भी कुछ और करने की हमारी तैयारी है.'' उन्होंने NDTV के सीनियर मैनेजिंग एडिटर निकुंज गर्ग से खास बातचीत में यह बात कही.
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ''रक्षा मंत्रालय की बड़ी उपलब्धि यह रही है कि हमारे प्रधानमंत्री ने बराबर आत्मनिर्भरता पर बल दिया है. अब हम लोगों ने बहुत सारे आइटम्स, जो हमारे डिफेंस आइटम्स हैं, भारत में ही बनाना प्रारंभ कर दिए हैं. आपने देखा होगा जो पहले एक्सपोर्ट बामुश्किल 600-700 करोड़ रुपये का हुआ करता था, हम 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रक्षा उत्पादों का एक्सपोर्ट कर चुके हैं. आगे भी कुछ और करने की हमारी तैयारी है, कई चीजों का मिसाइल्स वगैरह का भी किया है हम लोगों ने. हमने ब्रह्मोस को लगभग चार हजार करोड़ के आसपास का एक्सपोर्ट किया है.''
पिछले कई रक्षा मंत्रियों के कार्यकाल में जिस तरह के आरोप, लांछन लगते रहे हैं वैसे आपके कार्यकाल में नहीं लगे? जबकि रक्षा मंत्रालय में कार्यभार संभालने वाले किसी ना किसी तरह के विवादों के घेरे में रहे हैं. पिछले पांच सालों में इस तरह कोई आरोप, लांछन नहीं लगा. इस बारे में पूछने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि, ''सब ईश्वर की कृपा है.''
विपक्ष का कहना है कि चीन हमारे यहां घुसा है और हमने कोई काम नहीं किया है. हम चीन से घबराते हैं. हम बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन आंखें चीन दिखा देता है. इस बारे में सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ''अपने देश की सेना के जवानों के शौर्य और पराक्रम पर हम लोगों ने कभी सवालिया निशान नहीं लगाया है. क्या हुआ है उसके पहले? उसको भूल जाते हैं. मैं देशवासियों को रक्षा मंत्री होने के नाते आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर पाएगा. मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं.''
उन्होंने कहा कि, ''बहुत विस्तार में कोई चर्चा इसलिए नहीं करना चाहता क्योंकि भारत और चीन दोनों के बीच कमांडर लेवल पर अच्छे माहौल में इस समय बातचीत हो रही है. मैं समझता हूं कि हमको परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए. कहां क्या है किस पॉइंट पर, यदि मैं भी उसकी चर्चा कर दूं तो देशवासियों को गौरव की अनुभूति होगी, लेकिन वास्तव में सारी चीजें उजागर इस समय नहीं करना चाहता हूं. दोनों देशों के बीच इस समय बातचीत चल रही है.''
राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं और बाकी लोगों का भी कहना है कि जो अग्निवीर स्कीम है, उसको वे उठाकर डस्टबिन में डालने वाले हैं. इसी दौरान सेना ने भी कहा है कि अग्निवीर स्कीम के जो भी एक्सपीरिएंस हो रहे हैं, उसके हिसाब से उसमें चेंज किए जा सकते हैं. अग्निवीर योजना को लेकर आप कितने आश्वस्त हैं?
उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना के पीछे, ''दूसरा उद्देश्य यह था कि हमारी समाज में भी कुछ ऐसी अनुशासित फोर्स रहनी चाहिए, कि जब सीमा की सुरक्षा के लिए जब भी आवश्यक हो तो उनको हम समाज से भी उठाकर सीमा पर तैनात कर सकें, हम उनकी सेवाएं प्राप्त कर सकें. यह बताईए कि ऐसी एक फोर्स हमारे देश में होनी चाहिए, यह तैयार करना कोई अपराध है क्या? क्या हम लोगों ने यह गलत काम किया है?''
रक्षा मंत्री ने कहा कि, ''जहां तक उन बच्चों के भविष्य का प्रश्न है, मैं उन बच्चों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन बच्चों के भविष्य के साथ हम लोग किसी भी सूरत में खिलवाड़ नहीं होने देंगे. 18 साल की आयु में अग्निवीर में भरती होते हैं सैनिक के रूप में, चार साल तक, 22 वर्ष की आयु तक उनकी सेवाएं रहती हैं. जब वे हाईस्कूल सर्टिफिकेट पर आते हैं, तो जब निकलेंगे तो स्वाभाविक रूप से उन्हें इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट देंगे. साथ ही साथ कौशल, स्किल का भी एक सर्टिफिकेट उनको देंगे. उनके हाथ में कुछ लाख रुपये होंगे.. 13... 14...15 लाख के आसपास एक्जेक्ट फिगर इस समय ध्यान में नहीं है, वह उनके हाथ में होंगे. वे कोई रोजगार करना चाहें, रोजगार कर सकते हैं. पैरामिलिट्री फोर्स में जाना चाहें, वहां जा सकते हैं. दूसरी सर्विसेज में जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं. उनके लिए हम लोग ने रिजर्वेशन की व्यवस्था कर रखी है. ऐसा नहीं है कि उनको कोई इग्नोर कर सकता है.''
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