फाइल फोटो : देवेन्द्र फडणवीस
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपने भाषण में साफ़-साफ़ कह दिया कि पिछले 15 सालों में जितने किसान कर्ज़ माफ़ी के पैकेज आए, उससे कांग्रेस-एनसीपी ने लूट मचाई। सीएम ने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के लिए आए पैसे से जिला बैंक और सहकारिता डेरी जैसे संस्थानों को पैसा मुहैया कराया गया। ऐसे क़र्ज़ चुकाए गए जोकि योग्य नहीं थे।
मुख्यमंत्री विधान भवन के मॉनसून सत्र में किसानों की समस्याओं से जुड़े प्रस्ताव पर जारी बहस का जवाब दे रहे थे। अपने भाषण में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कर्ज माफ़ी के बावजूद 2009 से 2014 तक 9614 किसानों ने आत्महत्याएं की। क्या वजह है की कर्ज माफ़ी पा चुका किसान दुबारा कर्ज के बोझ तले दब चुका है? जवाब कांग्रेस-एनसीपी की ग़लत नीतियों में है, जिसके तहत उन्हें कर्ज़ दिया ही नहीं, जिन्हें चाहिए था और वे दो-दो बार कर्ज़ ले गए जो अपात्र थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस के करीब दो घंटे चले जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की कोशिश किसान को क़र्ज़ माफ़ी की बजाय कर्ज़ मुक्त करने की है, इसलिए मौजूदा ख़राब मॉनसून के चलते सरकार प्रति हेक्टेयर 1500 रुपए से दोबारा बुआई के लिए राशि देगी। यह राशि प्रति किसान होगी। मदद केवल दो हेक्टेयर तक ही मिलेगी।
अपने भाषण में सीएम फडणवीस ने विपक्षी मांग को नकारते हुए कोई पैकेज का ऐलान नहीं किया। जाते-जाते यह बताने से नहीं चूके कि किसान को ब्याज देने से मना करने वाले बैंकों के खिलाफ़ एफआईआर होगी। मुख्यमंत्री का पूरा भाषण सुनने के बाद विपक्ष ने इस भाषण को अस्वीकार करते हुए सदन से वाकआउट किया।