MSP को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बनी समिति, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य शामिल होंगे या नहीं, फैसला आज

जून, 2020 में लाये गये तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच सहमति के बिंदुओं में शामिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति गठित करने का वादा किया था.

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किसानों के लिए MSP पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर सुझाव देगी समिति. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

किसानों को फसल पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को पारदर्शी और देश में फसल प्रणाली पर सुझाव देने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. जानकारी है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 3 प्रतिनिधियों का नाम भी कमेटी में शामिल किया जा सकता है. SKM के 3 सदस्यों के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता किसान  और अन्य किसान संगठनों से भारत भूषण त्यागी, गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद चौधरी, गुणी प्रकाश, सैयद पाशा पटेल को शामिल किया गया है.

जून, 2020 में लाये गये तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच सहमति के बिंदुओं में शामिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति गठित करने का वादा किया था. अब सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अधिक प्रभावी बनाने के लिए समिति का गठन कर दिया है.

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SKM के तीन सदस्य कौन होंगे इस पर फैसला नहीं हुआ है. वो इस कमेटी में शामिल होती है या नहीं इस पर रुख अभी साफ नहीं है. MSP के सरकार की इस कमेटी में SKM शामिल होगी या नहीं इस पर आज एक महत्वपूर्ण बैठक होगी. उसके बाद फैसला लिया जाएगा.

विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले आंदोलन के बाद पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी और तभी एमएसपी पर समिति बनाने की बात भी कही थी. इस तरह घोषणा के करीब 8 महीने बाद सरकार ने यह समिति बनाई है.

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