बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजगीर में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर गंगाजल आपूर्ति योजना' की शुरुआत की. इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री वहां के एक घर में पहुंचे. जहां उन्होंने खुद से नल खोलकर ग्लास में पानी भरा और पिया. 'गंगाजल आपूर्ति योजना' के जरिए आ रहे पानी को पीकर उन्होंने संतुष्टि जताई. इस दौरान उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे.
इस योजना के तहत बाढ़ के समय गंगा नदी में अत्यधिक पानी को स्टोर कर, फिर उसे ट्रीट कर फिलहाल पाइप के जरिए राजगीर, बोधगया और गया शहर में जल आपूर्ति की जाएगी. अगले कुछ महीने में फिर नवादा शहर में इसके तहत जलापूर्ति शुरू हो जाएगी. योजना के लोकार्पण के बाद सीएम ने संकेत दिया कि अगर ये योजना सफल रही, तो पटना में भी उनका मन है कि गंगा जल की आपूर्ति हर घर में हो.
नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ का पानी यहां लाकर संरक्षित करेंगे और फिर ट्रीटमेंट कर ये जल घरों तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने साथ ही कहा कि राजधानी पटना के लिए भी ये करना उनके मन में है, लेकिन फिलहाल इसको पूरा करने के बाद. पटना में तो साल भर हमें पानी मिलता रहेगा. सीएम ने साथ ही कहा कि इससे आसपास के इलाकों में जलस्तर भी ऊपर आ जाएगा जिससे सिंचाई में भी सहयोग मिलेगा.
बता दें कि ये गंगा नदी से बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर, उसे ट्रीट करने तथा पेयजल के तौर पर 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति करने की योजना है. इसके तहत राजगीर शहर में गंगाजल की आपूर्ति का शुभारंभ हो गया. नीतीश कुमार 28 नवंबर को गया और बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे, जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी इसे (हर घर गंगाजल) पहुंचाने का लक्ष्य है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगाजल आपूर्ति योजना' को मंजूरी दी गई. इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय में पूरा किया गया है.
गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा. योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है.