भारतीय वायुसेना ने कहा है कि 8 दिसंबर 2021 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना को लेकर ‘ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' ने अपनी प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है. गौरतलब है कि इस हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, 8 दिसंबर को अप्रत्याशित ढंग से मौसम में बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के कारण यह हेलीकॉप्टर हादसा हुआ. बादलों में फंसने के कारण पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को गया खारिज किया.
जांच दल ने दुर्घटना के संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में किसी यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़-विध्वंस या लापरवाही को खारिज कर दिया है. प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना घाटी में मौसम में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के कारण हुई थी. इसके परिणामस्वरूप पायलट अपने तयशुदा रास्तों से रास्ता भटक गया. अपने निष्कर्षों के आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है.