'राष्ट्र-विरोधी' कहना हरगिज़ सही नहीं था : पांचजन्य में इंफोसिस को लेकर छपे लेख पर बोलीं वित्त मंत्री

पांचजन्य के 5 सितंबर के संस्करण में, इन्फोसिस पर ‘साख और आघात'' शीर्षक से चार पृष्ठों की कवर स्टोरी है. इसमें यह आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस का ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ ताकतों से संबंध है.

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उम्मीद है कि आईटी पोर्टल की खामियों को ठीक कर लिया जाएगा : सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) की आलोचना करने वाले पांचजन्य के लेख पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पांचजन्य में प्रकाशित लेख, जिसमें इंफोसिस को 'राष्ट्र-विरोधी' कहा गया, वो सही नहीं था. संघ से जुड़ी एक पत्रिका 'पांचजन्य' (Panchjanya) में एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंफोसिस का ‘राष्ट्र-विरोधी' ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)  ने भी इंफोसिस की आलोचना करने वाले उस लेख से खुद को अलग कर लिया है. 

वित्त मंत्री सीतारमण ने सीएनएन-न्यूज18 को दिए इंटरव्यू में कहा, "यह सही नहीं था. इस तरह के कमेंट्स की जरूरत नहीं थी. मुझे लगता है कि उन लोगों ने भी बयान देकर जिसने ये लिखा है उससे खुद को दूर किया है. इस तरह की प्रतिक्रिया बिल्कुल भी सही नहीं थी."  

उन्होंने कहा, "सरकार और इंफोसिस मिलकर काम कर रहे हैं. मैंने खुद उन्हें दो बार फोन किया है और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है. मुझे उम्मीद है कि इंफोसिस बेहतर प्रोडेक्ट देगी. हां, इसमें देरी हुई है, इससे हमें तकलीफ हुई है, हम बहुत सारी उम्मीदों के साथ पोर्टल लाए हैं. इसमें खामियां हैं. जिस पर काम किया जा रहा है. मुझे लगता है कि हमें साथ काम करके इसे दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे भरोसा है कि इंफोसिस इसे ठीक कर लेगी." 

संघ ने किया लेख से किनारा
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को इंफोसिस की आलोचना करने वाले उस लेख से खुद को अलग कर लिया, जो आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका ‘पांचजन्य' में प्रकाशित हुआ था. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है और लेख लेखक की राय को दर्शाता है और इसे संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. 

आंबेकर ने संघ के रुख को स्पष्ट करने के लिए ट्वीट किया, ‘‘भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है. इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है.'' उन्होंने कहा कि पांचजन्य में प्रकाशित लेख या विचारों से आरएसएस को नहीं जोड़ा जाना चाहिये. 

इंफोसिस को लेकर पांचजन्य का लेख
बता दें कि पांचजन्य के 5 सितंबर के संस्करण में, इन्फोसिस पर ‘साख और आघात'' शीर्षक से चार पृष्ठों की कवर स्टोरी है, जिसमें इसके संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर कवर पेज पर है. लेख में बेंगलुरु स्थित कंपनी पर निशाना साधा गया है और इसे ‘ऊंची दुकान, फीके पकवान' करार दिया गया है. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस का ‘‘राष्ट्र-विरोधी'' ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है. 

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