राहुल गांधी को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली राहत, मानहानि मामले में सुनवाई टालने के निर्देश

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल ने राजस्थान में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिये गये थे. राहुल ने समन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
मजिस्ट्रेट ने राहुल के खिलाफ अगस्त 2019 में आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी
मुंबई:

बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ दायर मानहानि की एक शिकायत पर सुनवाई 20 दिसंबर के आगे स्थगि करने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय के इस निर्देश का यह मतलब है कि राहुल गांधी को 25 नवंबर को स्थानीय अदालत में उपस्थित होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्थानीय अदालत ने कांग्रेस नेता को खुद के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थक होने का दावा करने वाले महेश श्रीश्रीमल नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर मानहानि की एक शिकायत के सिलसिले में 25 नवंबर को अपने समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था.

राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर ‘कमांडर-इन-थीप' टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ यह शिकायत दायर की गई थी. राहुल ने मामले में खुद को जारी समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. सोमवार को, जब राहुल की याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस. के. शिंदे की एकल पीठ के समक्ष आई, तब श्रीश्रीमल की ओर से अधिवक्ता रोहन महादिक ने हलफनामा के रूप में जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा.

सरकार पर राहुल का निशाना: अब ‘चीनी क़ब्ज़े' का सत्य भी मान लेना चाहिए

वहीं, कांग्रेस नेता के वकील सुदीप पसबोला ने कहा कि यदि जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन तब मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही नहीं होनी चाहिए. इसके बाद, उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी और श्रीश्रीमल को अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देष दिया.
न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ‘‘ इस बीच, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिकायत पर कार्यवाही 20 दिसंबर तक टाल देंगे. मजिस्ट्रेट ने राहुल के खिलाफ अगस्त 2019 में आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी. हालांकि, कांग्रेस नेता ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें इस बारे में जुलाई 2021 में पता चला.

Advertisement

शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया है कि राहुल ने राजस्थान में एक रैली की थी, जिस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिये गये थे. उन्होंने कहा कि इन मानहानिकारक बयानों के चलते विभिन्न समाचार चैनलों और सोशल मीडिया मंच पर मोदी का मजाक उड़ाया गया. शिकायत के मुताबिक, चार दिन बाद राहुल ने कथित तौर पर एक वीडियो पर टिप्पणी की और इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘भारत के कमांडर-इन-थीफ के बारे में दुखद सच्चाई.''

Advertisement

प्रियंका ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, 'लखनऊ में आज अजय मिश्रा के साथ मंच साझा न करें'

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल, मोदी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दे रहे थे और उन्हें ‘कमांडर-इन-थीफ' कह कर कांग्रेस नेता ने भाजपा के सभी सदस्यों तथा मोदी से जुड़े भारत के नागरिकों के खिलाफ सीधे तौर पर आरोप लगाया.

Advertisement

वहीं, राहुल ने अपने वकील कुशल मोर के मार्फत दायर याचिका में कहा है कि यह शिकायत शिकायतकर्ता के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने से प्रेरित तुच्छ व प्रताड़ित करने का एकमात्र उद्देश्य रखने वाला वाद है. राहुल ने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायतकर्ता का यह मामला दायर करने का कोई अधिकार नहीं बनता है. उन्होंने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने की मांग की है.

Advertisement

हिंदू धर्म और हिदुत्व पर प्रहार कांग्रेस परिवार का पुराना चरित्र : संबित पात्रा

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Syria छोड़ने के बाद आया Bashar al-Assad का पहला बयान | Civil War | Top International Media Headlines
Topics mentioned in this article