NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े एक घोटाले का पता चला है, जिसमें परीक्षा पास करने के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करने का प्रयास किया गया था और प्रति उम्मीदवार 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. परीक्षा में असफल छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं और इस पर हंगामा चल रहा है. इस बीच सीबीआई सूत्रों ने बुधवार को परीक्षा में घोटाले की जानकारी दी. सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र में स्थित एक कोचिंग सेंटर आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस, उसके निदेशक परिमल कोटपल्लीवार और कई छात्रों पर आरोप लगाए गए हैं.
एनडीटीवी द्वारा एक्सेस की गई सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है, "जानकारी से पता चला है कि परिमल कोटपल्लीवार ने इच्छुक उम्मीदवारों को धोखाधड़ी और अनुचित तरीके अपनाकर शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की पेशकश की थी. संभावित उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क किया गया था और उन्हें आश्वासन दिया गया था. प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके NEET द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षा की प्रक्रिया में हेरफेर करके मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाया गया."
जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था. कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी.
एफआईआर में कहा गया है कि "जानकारी से पता चला है कि परिमल और उसके सहयोगियों द्वारा परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के यूजर आईडी और पासवर्ड एकत्र किए गए हैं और उनके द्वारा योजना के अनुसार वांछित परीक्षा केंद्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक संशोधन किए गए. वे तस्वीरों को मिलाने / बदलने की प्रक्रिया का भी उपयोग करते हैं. वे यह परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवारों की सुविधा के लिए. फर्जी आईडी कार्ड बनाने के उद्देश्य से उम्मीदवारों के ई-आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र करल रहे थे. परिमल ने उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी देने और ओएमआर शीट में हेरफेर करने का भी आश्वासन दिया था."
परिमल कोटपल्लीवार ने 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के लिए पांच प्रॉक्सी उम्मीदवार चुने थे. एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि वे प्रॉक्सी परीक्षा केंद्रों पर नहीं आए, जबकि एजेंसी के अधिकारी उन्हें रंगे हाथों पकड़ने के लिए केंद्रों पर इंतजार कर रहे थे.
एजेंसी के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, "आरोपी द्वारा किए गए वादों की जांच की गई और गिरफ्तारियां की गईं."
यह रहस्योद्घाटन तमिलनाडु में आत्महत्याओं की एक कड़ी के बीच हुआ. आत्महत्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पिछले सप्ताह परीक्षा परिणाम से त्रस्त छात्रों से भावनात्मक अपील की थी. पिछले कुछ वर्षों में राज्य में 15 उम्मीदवार आत्महत्या कर चुके हैं.
तमिलनाडु में पिछले हफ्ते कथित तौर पर आत्महत्या से एक 17 वर्षीय लड़की की मौत हो गई. यह एक हफ्ते से भी कम समय में ऐसी तीसरी मौत है. दिहाड़ी मजदूर की बेटी नीट 2021 की परीक्षा पास करने को लेकर चिंतित थी. उसने 12वीं कक्षा में 84.9 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपनी अपील में कहा, "मैं आपसे विनती करता हूं, कृपया अपने जीवन को समाप्त न करें. आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है, इस आत्मविश्वास के साथ अध्ययन करें. माता-पिता को भी बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए और उन्हें तनाव नहीं देना चाहिए." उन्होंने घबराए हुए बच्चों को 104 डायल करके मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात करने की सलाह दी.
इस महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में NEET-आधारित प्रवेश को रोकने के लिए एक नया विधेयक पारित किया है. हालांकि यह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद ही प्रभावी होगा, क्योंकि यह केंद्र के कानून को चुनौती देता है.