अयोध्या में बरसों इंतजार के बाद आखिरकार राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में श्रीरामलला विराजमान हो गए. सोमवार (22 जनवरी) को 84 सेकेंड के मुहूर्त में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) हुई. संकल्प के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली. गर्भगृह में सभी विधि-विधान संपन्न करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोगों को संबोधित भी किया.
PM मोदी ने 35 मिनट के भाषण की शुरुआत 'राम-राम' से की और 'जय सियाराम' से अपना भाषण खत्म किया. पीएम ने इस दौरान मंदिर निर्माण में देरी होने के कारण प्रभु श्रीराम (Prabhu Shri Ramlala) से माफी भी मांगी. साथ ही न्यायपालिका को धन्यवाद दिया.
यहां पढ़िए प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा पर पीएम मोदी के भाषण की खास बातें:-
1. नए युग की शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा- "हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मैं पूरी निष्ठा से विश्वास करता हूं कि जो कुछ हुआ है, उसका अनुभव देश और दुनिया के हर कोने में भगवान राम के भक्तों को होगा. यह क्षण अलौकिक है. यह समय सबसे पवित्र है. ये माहौल, ये ऊर्जा, ये पल... प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है."
2. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर खड़ा हुआ राष्ट्र
पीएम मोदी ने कहा, "राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था. आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है. श्रीराम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं."
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3. प्रभु श्रीराम हमें माफ कर देंगे
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह समय सामान्य नहीं है. ये समय के पहिये पर अमिट स्याही से अंकित होने वाली स्मृति की अमिट रेखाएं हैं. हम सभी जानते हैं कि जहां प्रभु श्रीराम का काम होता है वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य होते हैं. इसलिए मैं भक्त हनुमान और हनुमानगढ़ी को भी शत-शत नमन करता हूं. मैं माता जानकी, लक्ष्मण जी, भरत-शत्रुघ्न और सभी को शत-शत नमन करता हूं. मैं पवित्र नगरी अयोध्या और पवित्र सरयू नदी को भी अपना सम्मान अर्पित करता हूं. आज मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा भी मांगता हूं.' हमारे प्रयासों में, हमारे त्याग में, हमारी तपस्या में कुछ न कुछ कमियां रही होंगी, जो हम इतनी शताब्दियों तक इस कार्य को पूरा नहीं कर सके. आज वह कमी पूरी हो गयी है. मुझे विश्वास है कि भगवान राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे."
4. न्यायपालिका के प्रति जताया आभार
पीएम मोदी ने इस दौरान भारतीय न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, "भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम मौजूद हैं. संविधान आने के बाद भी भगवान श्रीराम के अस्तित्व को लेकर दशकों तक कानूनी लड़ाई चलती रही. मैं भारत की न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिसने न्याय की गरिमा को बरकरार रखा."
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5. हर घर राम ज्योति
मोदी ने कहा, "आज गांव-गांव में सामूहिक कीर्तन-संकीर्तन हो रहा है. आज मंदिरों में उत्सव मनाया जा रहा है, स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. पूरा देश आज दिवाली मना रहा है. आज शाम को घर-घर में रामज्योति जलाने की तैयारी हो रही है. जिस घड़ी राम समुद्र पार करने निकले थे, उसे कालचक्र बदला था. अब कालचक्र फिर बदलेगा."
6. अपनी तीर्थयात्रा का किया जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण में 11 दिनों के उपवास और पवित्र स्थलों के दर्शन का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, "रविवार को भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से मैं धनुषकोडि में रामसेतु के शुरुआती बिंदु अरिचल मुनाई पर था. वह क्षण जब भगवान राम समुद्र पार करने के लिए निकले, वह क्षण था जिसने समय की दिशा बदल दी. यह उस भावनात्मक क्षण के सार को महसूस करने का मेरा विनम्र प्रयास था. वहां मैंने पुष्पांजलि अर्पित की. वहां मेरे भीतर यह विश्वास जागा कि जैसे उस समय समय की धारा बदल गई थी, उसी प्रकार अब भी समय की धारा फिर बदलेगी और शुभ दिशा में आगे बढ़ेगी."
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7. राम भक्तों के योगदान और बलिदान को किया याद
पीएम ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक क्षण में देश उन शख्सियतों को भी याद कर रहा है जिनके प्रयासों और समर्पण से यह शुभ दिन संभव हो पाया है. कई लोगों ने राम के काम में त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा दिखाई है. हम सब उन अनगिनत रामभक्तों, उन अनगिनत स्वयंसेवकों, उन अनगिनत साधु-संतों के ऋणी हैं.
8. हमारा भविष्य हमारे अतीत से भी ज्यादा होगा सुंदर
पीएम ने कहा कि राम मंदिर हमें बताता है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से भी सुंदर होगा. उन्होंने कहा, "आज का अवसर न केवल उत्सव का क्षण है, बल्कि भारतीय समाज की परिपक्वता का प्रतीक भी है. हमारे लिए ये अवसर सिर्फ जीत का नहीं, बल्कि विनम्रता का भी है. दुनिया का इतिहास गवाह है कि कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं. ऐसे देशों ने जब भी अपने इतिहास की उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाने की कोशिश की है, उन्हें सफलता हासिल करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है." मोदी ने कहा, "दरअसल, कई बार स्थितियां पहले से भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गई हैं. हालांकि, जिस तरह हमारे देश ने गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ इतिहास की इस गुत्थी को सुलझाया है, उससे पता चलता है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से कहीं अधिक सुंदर होने वाला है."
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9. लोगों में डर फैलाने वालों के लिए संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा, "एक समय था जब कुछ लोग कहते थे कि अगर राम मंदिर बनेगा, तो अशांति फैलेगी. ऐसे लोग भारत की सामाजिक भावना की पवित्रता को समझने में असफल रहे. रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज में शांति, धैर्य, सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है."
पीएम मोदी ने कहा, "हम देख रहे हैं कि यह निर्माण कोई आग नहीं भड़का रहा है, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है. राम मंदिर समाज के हर वर्ग के लिए उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है. आज, मैं उन लोगों से आह्वान करता हूं... इसे महसूस करें, अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करें."
10. राष्ट्रीय चेतना का मंदिर है राम मंदिर
पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर को राष्ट्रीय चेतना का मंदिर बताया. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक दिव्य मंदिर नहीं है. यह भारत की दृष्टि, दर्शन और दिशा का मंदिर है. यह राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर है."
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पीएम मोदी ने कहा, "राम भारत की आस्था हैं, भारत की नींव हैं. राम भारत का विचार हैं, भारत का कानून हैं. राम भारत की चेतना हैं, भारत का चिंतन हैं. राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, भारत की शक्ति हैं. राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं. राम आदर्श हैं और राम नीति हैं. राम स्थायित्व है, और राम निरंतरता है. राम व्यापक हैं, राम सर्वव्यापी हैं, राम ब्रह्मांड हैं, ब्रह्मांड की आत्मा हैं. और इसलिए जब राम की स्थापना होती है, तो उसका प्रभाव वर्षों-सदियों तक नहीं रहता. इसका प्रभाव हजारों वर्षों तक रहता है."
11. रामलला 'वसुधैव कुटुंबकम' के विचार का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज जब पूरी दुनिया राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़ी है, तो हम राम की सर्वव्यापकता के दर्शन कर रहे हैं. भारत में जश्न की गूंज कई देशों में है. अयोध्या में आज का उत्सव रामायण की उन वैश्विक परंपराओं का भी उत्सव बन गया है. रामलला की यह स्थापना 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के विचार का भी प्रतीक है. हम सदियों से 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का संकल्प दोहराते रहे हैं. आज यह संकल्प राम मंदिर के रूप में मूर्त रूप ले चुका है."
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12. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का प्रभाव
पीएम ने कहा, "जब श्रीराम का राज्य स्थापित होता है, तो उसका प्रभाव वर्षों या सदियों तक नहीं रहता. इसका प्रभाव हजारों वर्षों तक रहता है. राम उनके राज्य में दस हजार वर्ष तक स्थापित रहे. यानी हजारों वर्षों तक रामराज्य स्थापित रहा. त्रेता युग में जब राम आये तो हजारों वर्षों तक रामराज्य स्थापित हुआ. हजारों वर्षों तक राम ने जगत का मार्गदर्शन किया. आज से हजारों साल बाद की पीढ़ियां हमारे आज के राष्ट्र-निर्माण प्रयासों को याद रखेंगी. इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है. इसी पवित्र समय से हमें अगले हजार वर्षों के भारत की नींव रखनी है."
13. राष्ट्र निर्माण की ओर कदम
पीएम ने कहा, "राम मंदिर निर्माण से आगे बढ़ते हुए अब हम सभी नागरिक इस क्षण से एक समर्थ, भव्य और दिव्य भारत के निर्माण का संकल्प लेते हैं. राम के विचार 'मानस' में भी हों और जनमानस में भी हों - यही राष्ट्र-निर्माण की दिशा में कदम है."
14. भारत के युवाओं से की अपील
पीएम ने इस दौरान भारत के युवाओं से खास अपील की. उन्होंने कहा, "आपके सामने हजारों वर्षों की परंपरा की प्रेरणा है. आप भारत की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं... जो चंद्रमा पर झंडा फहरा रही है, जो सूर्य तक 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करके मिशन आदित्य का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है, जो आकाश में तेजस और समुद्र में विक्रांत का झंडा लहरा रही है. आपको अपनी विरासत पर गर्व करते हुए भारत का नया सवेरा लिखना है."
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15. विकसित भारत का उदय
पीएम मोदी ने कहा, "ये भव्य राम मंदिर वैभवशाली भारत के उदय का साक्षी बनेगा. भारत के विकास का साक्षी बनेगा. यह मंदिर हमें सिखाता है कि अगर लक्ष्य सत्य सिद्ध हो, अगर लक्ष्य सामूहिक और संगठित शक्ति से पैदा हुआ हो, तो उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है."
16. यह भारत का समय
पीएम मोदी ने कहा, "ये भारत का समय है. भारत अब आगे बढ़ रहा है. सदियों के इंतजार के बाद हम यहां पहुंचे हैं. हम सभी इस युग, इस समयावधि की प्रतीक्षा कर रहे थे. अब हम नहीं रुकेंगे. हम विकास की ऊंचाइयों को छुएंगे."
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