'अपनी सरकार से पूछें क्यों...' : पेट्रोल-डीजल पर राज्यों में टैक्स को लेकर बोलीं वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को इस महीने कर हिस्से के रूप में 95,082 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी

Advertisement
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रात में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोगों को राज्य सरकारों से पूछना चाहिए कि उनमें से कुछ ने ईंधन की दरों में कटौती क्यों नहीं की है. केंद्र द्वारा हाल ही में उपभोक्ता ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद भी कुछ राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) क्यों नहीं कम किया है? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही राज्यों से अपील कर चुकी है और अब यह लोगों को उन पार्टियों से पूछना चाहिए जिनको उन्होंने वोट दिया था. वित्त मंत्री ने कहा, "पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता जब तक कि जीएसटी परिषद उन्हें शामिल करने के लिए दर तय नहीं करती."

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि राज्यों का पूंजीगत व्यय बढ़ाने में मदद करने को केंद्र इस महीने कर हिस्से के तौर पर उन्हें 95,082 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगा, जिसमें एक अग्रिम किस्त भी शामिल होगी.

निर्मला सीतारमण ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि संकलित कर राजस्व में हिस्सेदारी के तौर पर राज्यों को केंद्र से दी जाने वाली राशि इस बार दोगुनी होगी. इसकी वजह यह है कि राज्यों ने केंद्र से अनुरोध किया था कि एक महीने का अग्रिम भुगतान मिलने से उन्हें पूंजीगत व्यय में सहायता मिलेगी. सीतारमण ने कहा, ‘‘मैंने वित्त सचिव से कहा है कि राज्यों के हिस्से की सामान्य 47,541 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने के बजाय 22 नवंबर को उन्हें एक महीने की अग्रिम किस्त भी दे दी जाए. इस तरह राज्यों को उस दिन 95,082 करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएंगे.''

Advertisement

उन्होंने कहा कि एक महीने का कर हिस्सा अग्रिम तौर पर मिलने से राज्यों के पास पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त राशि होगी जिसका इस्तेमाल वे ढांचागत आधार खड़ा करने में कर सकते हैं.

Advertisement

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि फिलहाल संग्रहीत कर का 41 प्रतिशत राज्यों को 14 किस्तों में दिया जाता है और राज्यों को अपनी नकद आवक के बारे में अनुमान भी होता है. सोमनाथन ने कहा कि यह एक अग्रिम भुगतान होगा और किसी भी तरह का समायोजन मार्च में किया जाएगा.

Advertisement

सीतारमण के साथ हुई इस बैठक में 15 मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और तीन राज्यों के उप-मुख्यमंत्री शामिल हुए. अन्य राज्यों का प्रतिनिधित्व उनके वित्त मंत्रियों ने किया.

Advertisement

सीतारमण ने कहा, ‘‘कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद आर्थिक वृद्धि में आई मजबूती के संदर्भ में यह बैठक हुई है. हालांकि यह वक्त वृद्धि को बनाए रखने और इसे दोहरे अंकों में ले जाने के तरीकों पर ध्यान देने का भी है.'' उन्होंने कहा कि इस बैठक में निवेश और विनिर्माण एवं कारोबारी गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर राज्यों की राय जानने की कोशिश भी की गई.

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में शुरू हुई राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन योजना में सिर्फ केंद्र सरकार की परिसंपत्तियां रखी गई हैं और राज्यों की परिसंपत्तियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्यों के पास भी कई ऐसी परिसंपत्तियां हैं जिनका मौद्रिकरण किया जा सकता है. इससे मिलने वाली पूंजी का इस्तेमाल नए आधारभूत ढांचे के निर्माण एवं प्राथमिकता वाले सामाजिक क्षेत्रों में किया जा सकता है.

बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक वित्त मंत्री ने भारत को आने वाले वर्षों में सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों से मदद देने का अनुरोध करते हुए कहा कि निवेश के लिए आकर्षण बढ़ाकर और कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने वाले कदम उठाकर ऐसा किया जा सकता है. बैठक में राज्यों की तरफ से भी निवेश को बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए गए. इसमें निवेश प्रोत्साहन के लिए पारदर्शी व्यवस्था का निर्माण अहम है.

Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में गृह मंत्री Amit Shah ने कहा...'आतंकवाद को इतना नीचे दफना देगी कि सात पुश्तों तक वापस नहीं आएगा'