प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक 55 साल के अरविंद केजरीवाल की सेहत बिगड़ गई है. वे डायबिटीज से ग्रस्त हैं और उनके ब्लड में शुगर लेवल में उतार चढ़ाव हो रहा है. अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने उनसे मुलाकात करने के बाद यह बात कही.
अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं. उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने डिजिटल माध्यम से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने ईडी की हिरासत में अरविंद केजरीवाल से कल शाम को मुलाकात की और उनके रक्त में शर्करा के स्तर में उतार चढ़ाव हो रहा है. सुनीता केजरीवाल ने लोगों से मुख्यमंत्री की सेहत के लिए प्रार्थना करने की अपील की.
सूत्रों ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल 46 के खतरनाक निम्न स्तर तक गिर गया है. सूत्रों ने दावा किया कि केजरीवाल के रक्त में शर्करा का स्तर एक बार गिरकर 46 मिलीग्राम (एमजी) तक आ गया था और डॉक्टरों के मुताबिक, यह बहुत खतरनाक होता है.
अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को ईडी ने गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने उन पर साजिश रचने का आरोप लगाया है. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल अपने मंत्रियों और अपनी पार्टी के नेताओं की मिलीभगत से किए गए घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं.
सुनीता केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि ईडी के कई छापों में एक पैसा भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उनके पति 28 मार्च को अदालत में कथित आबकारी नीति घोटाले में ‘बड़ा खुलासा' करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके पति 28 मार्च को सच्चाई बताएंगे और सबूत भी पेश करेंगे.
उन्होंने कहा, “दो साल की जांच के बावजूद ईडी एक पैसे का भी सबूत नहीं ढूंढ पाई है. उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास पर छापा मारा लेकिन केवल 73,000 रुपये मिले.” सुनीता केजरीवाल ने कहा कि, “मेरे पति ने हिरासत में रहते हुए जल मंत्री आतिशी को निर्देश जारी किए. केंद्र को इससे दिक्कत थी. क्या वे दिल्ली को बर्बाद करना चाहते हैं?” उन्होंने कहा कि उनके पति इस मुद्दे को लेकर बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक बहादुर और सच्चे व्यक्ति हैं और उनका संकल्प मजबूत है.
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं.
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्डरिंग से संबंधित है. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.