जरा 'अभय मुद्रा' पर इस्लाम के विद्वानों से पूछ लें... राहुल को अमित शाह का चैलेंज

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "भारत के विचार संविधान और संविधान पर हमले का विरोध करने वाले लोगों पर एक व्यवस्थित और पूर्ण पैमाने पर हमला किया गया है. हममें से कई लोगों पर व्यक्तिगत हमले किए गए. कुछ नेता अभी भी जेल में हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins

हिन्दू वाले बयान पर अमित शाह ने की राहुल गांधी से माफी की मांग

नई दिल्ली:

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में भाजपा पर हमला बोला और कहा कि हिंदुत्व केवल डर, नफरत और झूठ फैलाना नहीं है. राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताई और कहा कि विपक्ष के नेता ने स्पष्ठ कहा है कि जो अपने आपको हिंदू कहते हैं, वह हिंसा की बात करते हैं, हिंसा करते हैं. इस देश में शायद इनको मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं. हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ने और इस सदन में, और संवैधानिक पद पर बैठे हुए सदस्य राहुल गांधी को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.

राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना गलत है. मेरी गुजारिश भी है कि इस्लाम में अभय मुद्रा, वह इस पर इस्लाम के विद्वानों का मत एक बार ले लें. गुरुनानक की अभय मुद्रा पर एसजीपीसी का मत एक बार ले लें. अभय की बात तो इनको करने का अधिकार नहीं है. आपातकाल में इन्होंने पूरे देश को भयभीत किया. पूरे देश को जेल में डाला है. वैचारिक आतंक कभी था आपातकाल में था. दिल्ली में दिन दहाड़े हजारों सिख भाई बहनों का कत्ल इनके काल में हुआ. मेरा आपसे आग्रह है कि राहुल गांधी को ना सिर्फ सदन बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राहुल गांधी के संबोधन के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है.

Advertisement

आखिर ऐसा क्या बोला राहुल गांधी ने

बता दें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में भगवान शिव की फोटो दिखते हुए कहा कि शिवजी से प्रेरणा मिली कि डरो मत. वहीं स्पीकर ने उन्हें रोक दिया. जिस पर उन्होंने पूछा कि क्या भगवान शिव की फोटो सदन में दिखा नहीं सकते. राहुल ने कहा कि इस्लाम में भी अभय मुद्रा है और कहा गया है कि डरना नहीं है. गुरु नानक जी भी कहते हैं डरो मत और डराओ मत. गुरु नानक जी ने सत्य और अहिंसा की बात की. उन्होंने किसी को अपनी जिंदगी में नहीं डराया. जीसस ने भी कहा कि डरो मत डराओ मत. वहीं बुद्ध भगवान ने भी कहा कि डरो मत डराओ मत. भगवान महावीर ने कहा कि डरो मत डराओ मत. इन सभी में धर्मों में अभय मुद्रा है जो कहती है, डरो मत, ये देश अहिंसा का देश है, डर का नहीं.

Advertisement
Advertisement

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल ने कहा कि अभयमुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है...अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है.... हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय ख़त्म करने की बात की है...लेकिन, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं..." राहुल के इस बयान के बाद सदन में हंगामा हो गया. पीएम मोदी और अमित शाह उन्हें खुले तौर पर टोकते दिखाई दिए.

ये भी पढ़ें-  हिन्दू समाज को हिंसक कहना गलत है : राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी ने जताया ऐतराज