भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण से गठबंधन न होने पर सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवालों का जवाब दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि हमने उनसे बातचीत की है, उनके लिए दो सीटें भी तय कर दी थीं. लेकिन उनका संगठन इसके लिए तैयार नहीं था. दलित विरोधी होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी अंबेडकरवादी साथ-साथ चलते हैं, दोनों विरोधी नहीं हो सकते. समाजवादी पार्टी हमेशा दलितों का सम्मान करती रही है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के रास्ते पर चलती है. मैं कह चुका हूं कि समाजवादी और अंबेडकरवादियों को साथ आकर ये चुनाव लड़ना चाहिए. लेकिन बीजेपी संविधान को खत्म करने, लोकतंत्र को खत्म करने का काम कर रही है.
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शिवपाल सिंह यादव को जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाने औऱ उनकी पार्टी से सहमति के सवाल पर अखिलेश ने कहा, उनके साथ के लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर रालोद और सपा के आमने-सामने आने के बारे में पूछा गया तो अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी को त्याग करना पड़ा है और पार्टी ने हमेशा त्याग किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी जैसे बीजेपी के कई बड़े नेताओं को पार्टी में लेने पर बीजेपी ये कह रही है कि इनमें से कई नेताओं के टिकट कटने वाले थे और इसलिए वो दूसरी पार्टी में चले गए. कांग्रेस ने भी इस पर सवाल किया है.
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ममता बनर्जी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के यूपी आकर प्रचार करने के सवाल पर भी अखिलेश ने अपनी राय रखी. अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव में कोरोना को लेकर तमाम पाबंदियां लगी हैं, लिहाजा अगर ये नेता हमारे लिए प्रेस कान्फ्रेंस भी करते हैं तो बड़ी बात होगी. दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी हम इसके लिए न्योता देते हैं.
सपा का घोषणापत्र कब जारी होगा, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब बीजेपी का घोषणापत्र आ जाएगा तो उनका भी आ जाएगा. विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के ऐलान पर उन्होंने कहा, हम शुभ दिन पर इसका ऐलान कर देंगे. बाद में सपा ने 159 उम्मीदवारों की सूची जारी भी कर दी.