नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और अनुच्छेद-370 मामले में याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर लोन के 'पाकिस्तान समर्थित' नारे लगाने के मामले में पांच जजों की संविधान पीठ के सामने आज भी सुनवाई हो रही है. सोमवार को हुई सुनवाई में अकबर लोन के 'पाक समर्थित भाषण' पर सुप्रीम कोर्ट सख्त नजर आया और उन्हें हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इस बीच आज रूट्स इन कश्मीर संगठन ने मोहम्मद अकबर के बयानों को लेकर एक और हलफनामा दाखिल किया और कहा- लोन कैसे जहर फैला रहे हैं...?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ये हलफनामा देखना चाहिए. तुषार मेहता ने अदालत को लोन के दिए बयानों को पढ़कर बताया और कहा कि ये बयान बहुत गंभीर हैं. उन्होंने कहा, "लोन ये हलफनामा दें कि वो इन बयानों को वापस लेते हैं. वो किसी भी तरह की आतंकवादी घटनाओं का समर्थन नहीं करते. वो अलगाववादी घटनाओं का समर्थन नहीं करते.
सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि 370 हटाए जाने से पहले लोन ने एक आतंकी घटना के बाद, जिसमें आतंकी के साथ-साथ नागरिक भी मारे गए और सैनिक भी शहीद हुए थे, इसके बाद लोन ने आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति जताई थी.
याचिकाकर्ताओं ने सॉलिसिटर जनरल की दलीलों का विरोध किया. वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि ये 370 मामला है. इसमें अलगाववादी एजेंडा क्यों डाला गया है? केंद्र सरकार भी ये ही कह रही है. ऐसा लगता है कि सब ही की याचिकाओं का एजेंडा अलगावलादी है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर कहा कि ये दुर्भाग्यपू्र्ण है. ऐसा नहीं है कि जनहित याचिका दाखिल करने से कोई एजेंडा बता दिया जाए. इस बीच कपिल सिब्बल ने कहा कि अकबर लोन दोपहर 12 बजे हलफनामा दाखिल करने आएंगे.
रूट्स इन कश्मीर के अतिरिक्त हलफनामे में कई बयानों को जिक्र किया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इनके बारे में संविधान पीठ को बताया...
- 10 फरवरी, 2018 को, कुछ बीयूपी विधायकों द्वारा पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने के बाद, अकबर लोन ने जम्मू और कश्मीर विधानसभा में "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए. बाद में उन्होंने कहा कि वह पहले मुस्लिम हैं और बीजेपी विधायकों ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
- 25 मार्च, 2019 को विधायक अकबर लोन ने कुपवाड़ा में एक सार्वजनिक बैठक में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था.
- 10 अगस्त 2019 को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
- 18 मार्च 2019 को अकबर लोन ने कहा, "हिंदुस्तान की खलाफ नफ़रत अब आने वाली दिनों में और भी ज़्यादा होगी." लोन ने कहा कि लोगों को कश्मीर में विरोध करने और पथराव करने का पूरा अधिकार है.
- 07 मई, 2018 को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने कहा, "आतंकवादी भी हमारे भाइयों की तरह हैं. किसी आतंकवादी या नागरिक की हत्या की निंदा की जानी चाहिए."
- 23 मई, 2018 को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता, मोहम्मद अकबर लोन ने कहा था कि राज्य या केंद्र सरकार, वे केवल कश्मीरियों को मारना चाहते हैं.
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