देशभर में अग्निपथ योजना (Agnipath Protest) के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप को ब्लॉक किया है जिनपर इस योजना को लेकर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप था. सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस तरह के कुल 35 व्हाट्सएप ग्रुप थे जो इस योजना को लेकर गलत जानकारी फैला रहे थे. इन सभी को ब्लॉक किया गया है. हालांकि सरकार तुरंत इन ग्रुप्स के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करने के मूड में नहीं दिख रही है. बता दें कि इस योजना की घोषणा के बाद से ही देश के अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया था. जिन राज्यों में इस योजना को लेकर सबसे ज्यादा प्रदर्शन हुए उनमे बिहार, यूपी और हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं. बिहार में तो इस योजना को लेकर कई जगह पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए. योजना से गुस्सा युवाओं ने ट्रेन तक में आग लगा दी. साथ ही बीजेपी के नेताओं के घरों पर हमला भी किया.
इस योजना में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार ने रविवार को अपना पक्ष रखा था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को तीनों सेना के प्रमुख के साथ बैठक की. इसके बाद योजना की विस्तृत जानकारी देने के लिए तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कान्फ्रेंस की. इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना का पूरा खाका रखने के साथ तीन बातें स्पष्ट कर दीं. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये योजना वापस नहीं की जाएगी. दूसरा ये कि अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा में शामिल लोगों को भर्ती में कोई जगह नहीं मिलेगी. तीसरा ये कि योजना में युवाओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जो भी बदलाव किए गए हैं, वो किसी भी दबाव के तहत नहीं हैं, बल्कि ये प्रस्तावित थे.
सेना की ओर से इस पूरी कवायद का फोकस ये रहा कि युवा को समझाया जाए कि योजना उनके लिए फायदेमंद है. पीसी में शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है. सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है. ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं. सैन्य अधिकारियों ने चार साल बाद बाहर किए गए 75 फीसदी अग्निवीरों के भविष्य के सवाल पर कहा, सिर्फ इस योजना में ही एग्जिट नहीं है, सेना से हर साल 17,600 सैन्यकर्मी हर साल समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं.
सुधार आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं. यही नहीं देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले 'अग्निवर' को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित 'अग्निपथ' के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं और अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं थीं.
ये भी पढ़ें:
अग्निपथ: रियायतें पहले से ही तय थीं, आंदोलन के बाद का फैसला नहीं, बोली केंद्र सरकार
'अग्निपथ हिंसा में शामिल नहीं थे', अग्निवीर आवेदकों को देना होगा शपथ पत्र: टॉप मिलिट्री अफसर
अग्निपथ की आग पहुंची मुंबई, 5वें दिन भी इन इलाकों में युवाओं ने की तोड़फोड़ और आगजनी
अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस का 'सत्याग्रह', केंद्र सरकार पर साधा निशाना