जज का गाउन पहनने के बाद समझ आया जस्टिस का पद कितना चुनौतीपूर्ण : विदाई समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना

जस्टिस गवई ने कहा कि जस्टिस खन्ना का कार्यकाल न्यायपालिका के भीतर परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए था, जिससे सिस्टम न केवल बदले बल्कि विकसित हो. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
जस्टिस गवई ने कहा कि जस्टिस खन्ना का कार्यकाल न्यायपालिका को प्रोत्साहित करने के लिए था.
नई दिल्‍ली :

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्‍ना का विदाई समारोह आयोजित किया गया. विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मैंने कभी भी खुद को जज के तौर पर नहीं देखा क्योंकि मैं इस पद के प्रति श्रद्धा रखता हूं. मैंने 20 साल तक न्यायपालिका की सेवा की है. मेरे मन में मिलीजुली भावना नहीं है. मैं बस खुश हूं. मैं सीजेआई के तौर पर सेवानिवृत्त होने पर खुद को धन्य महसूस करता हूं. दिल्ली हाई कोर्ट का जज बनना अपने आप में एक सपना सच होने जैसा था.

उन्‍होंने कहा कि जज का गाउन पहनने के बाद मुझे समझ में आया कि जस्टिस का पद कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

जस्टिस खन्‍ना की विनम्रता को याद किया जाएगा: जस्टिस गवई 

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के विदाई समारोह मे बोलते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जस्टिस खन्ना का कार्यकाल न केवल न्यायिक प्रगति के लिए याद किया जाएगा, बल्कि उस विनम्रता के लिए भी याद किया जाएगा जिसके साथ उन्होंने इतने उच्च पद की जिम्मेदारियां निभाईं. 

Advertisement

जस्टिस गवई ने कवि दुष्यन्त कुमार की कविता के साथ अपनी बात को विराम दिया...

"सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए.
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए."

परिवर्तन को प्रोत्‍साहित करने का कार्यकाल: जस्टिस गवई

जस्टिस गवई ने कहा कि जस्टिस खन्ना का कार्यकाल न्यायपालिका के भीतर परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए था, जिससे सिस्टम न केवल बदले बल्कि विकसित हो. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
School Bomb Threat Update: धमकी वाले Email से असली नुकसान तो ये है | Delhi | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article